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लोगों को वास्तविक और फर्जी संतों के बीच अंतर करने में सक्षम होना चाहिए- अशोक गहलोत

नाबालिग से रेप मामले में आसाराम को दोषी करार देने के जोधपुर एससी/एसटी कोर्ट के फैसले के बाद लोगों की...
लोगों को वास्तविक और फर्जी संतों के बीच अंतर करने में सक्षम होना चाहिए- अशोक गहलोत

नाबालिग से रेप मामले में आसाराम को दोषी करार देने के जोधपुर एससी/एसटी कोर्ट के फैसले के बाद लोगों की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा कि वह समय आ गया है जब लोगों को वास्तविक संतों और फर्जी संतो के बीच अंतर करने में सक्षम होना चाहिए, क्योंकि इससे अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में देश की खराब छवि बनती है।

एनसीपीसीआर यशवंत जैन ने कहा कि यह निर्णय उन लोगों के लिए एक सबक है जो सोचते हैं कि वे बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न करके बच सकते हैं। मैं अपराधियों के खिलाफ लड़ने के लिए लड़की और उसके परिवार की सराहना करना चाहता हूं।

पीड़िता के पिता ने कहा, ''आसाराम दोषी करार दिया गया है, हमें न्याय मिला है। जिन्होंने हमारा साथ दिया उनका धन्यवाद। अब उम्मीद है उसे कड़ी सजा मिलेगी। मुझे उम्मीद है कि जिन गवाहों को अगवा करके मार दिया गया उन्हें भी न्याय मिलेगा।''

बता दें कि साढ़े चार साल से जोधपुर जेल में बंद आसाराम के खिलाफ अपनी ही शिष्या के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। इस मामले में आसाराम को अदालत ने दोषी करार दिया है। जोधपुर सेंट्रल जेल में विशेष अदालत ने बुधवार को अपना यह निर्णय दिया है। जज मधुसूदन शर्मा ने आसाराम के साथ शिल्पी और शरतचंद्र को भी दोषी ठहराया है, जबकि प्रमुख सेवादार शिवा और रसोइया प्रकाश को बरी कर दिया है।

 

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