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कन्हैया, खालिद और भट्टाचार्य से पुलिस ने की एक साथ पूछताछ

दिल्ली पुलिस ने राजद्रोह के मामले में दक्षिण दिल्ली के एक थाने में जेएनयूएसयू के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य से पहली बार एक साथ पूछताछ की है।
कन्हैया, खालिद और भट्टाचार्य से पुलिस ने की एक साथ पूछताछ

जेएनयू में एक कार्यक्रम के दौरान देशविरोधी नारेबाजी को लेकर देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य से दिल्ली पुलिस ने आज एक साथ पूछताछ की। मिली जानकारी के अनुससार पूछताछ आज तड़के शुरू हुई और करीब पांच घंटे तक चली और सुबह साढ़े दस बजे पूछताछ दोबार से शुरू की गई। बताया जा रहा है कि पूछताछ आरके पुरम थाने में हो रही है। सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के पहले चरण में कन्हैया को खालिद और भट्टाचार्य के साथ अलग-अलग बैठाकर सवाल जवाब किए गए। दूसरे चरण में तीनों से एक साथ पूछताछ की गई। पूछताछ कम से कम दो टीमें कर रही हैं।

 

बताया जा रहा है कि पूछताछ में कन्हैया अब तक इस बात पर कायम है कि वह 9 फरवरी को अपने कमरे से तब बाहर आया था जब उसे परिसर के अंदर कार्यक्रम को लेकर दो समूहों के बीच संभावित टकराव के बाबत जानकारी मिली थी और उसने कार्यक्रम से खुद को अलग कर लिया था। सूत्रों ने दावा किया कि खालिद अब तक किसी भी तरह के राष्ट्र विरोधी नारेबाजी में शामिल होने से इनकार कर रहा है, जबकि भट्टाचार्य ने इन दावों को चुनौती दी कि जिन नारों को पुलिस ने रेखांकित किया है वे राष्ट्र विरोधी प्रकृति के हैं। तीनों से एक साथ पूछताछ कर पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि कार्यक्रम का आयोजक कौन था। रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए थे। वहां क्या हुआ था। साथ कार्यक्रम के वीडियो फुटेज में दिखे बाहरी लोगों की पहचान भी पुलिस करने की कोशिश कर रही है।

 

प्राथमिकी के साथ संबद्ध एक बयान में, पुलिस ने खालिद और भट्टाचार्य की पहचान मुख्य आयोजक के तौर पर की है और बाद में अदालत में भी जांचकर्ताओं ने विदेशी तत्वों की मौजूदगी के बारे में जिक्र किया था। दिल्ली की एक अदालत ने कल जेएनयूएसयू के अध्यक्ष कन्हैया को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। इससे पहले अभियोजन ने कहा था कि उन्हें कन्हैया का जेएनयू के गिरफ्तार छात्र खालिद और भट्टाचार्य से आमना-सामना कराना है, क्योंकि जेएनयू कार्यक्रम को लेकर उनके बयानों में अंतर है। कन्हैया को 12 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और उसे पांच दिन बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। खालिद और भट्टाचार्य ने सोमवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। इससे एक दिन पहले वे विश्वविद्यालय परिसर में नजर आए थे।

 

 

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