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घूसकांड को लेकर क्राइसिस मैनेजमेंट में जुटीं ममता बनर्जी

तृणमूल घूसकांड को लेकर ममता बनर्जी क्राइसिस मैनेजमेंट में जुट गई हैं। बंगाल की सत्ताधारी पार्टी में दरार दिखने लगी है। नेताओं के एक वर्ग की नाराजगी उभर आई है। बंगाल में तृणमूल के नेताओं के बीच असंतोष न भड़के उसके लिए पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने निजी तौर पर नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन को उन्होंने कोलकाता से दिल्ली भेजा है।
घूसकांड को लेकर क्राइसिस मैनेजमेंट में जुटीं ममता बनर्जी

उधर, लोकसभा और राज्यसभा- दोनों जगह इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर भाजपा ने जमकर हमले किए। तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने दावा किया है कि उनकी पार्टी के नेताओं को फंसाने के लिए दुबई से धन मंगाया गया हवाला चैनल के जरिए।

तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में दिनेश त्रिवेदी और सुगत बोस ने तीखी नाराजगी जताई। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने यह बैठक बुलाई थी। बैठक में दिनेश त्रिवेदी और सुगत बोस- दोनों ने ही तीखे अंदाज में कहा कि पार्टी की छवि खराब हुई है और इसकी भरपाई नहीं की जा सकती। दोनों नेताओं ने कहा, जिन नेताओं की सीडी आई है, उनमें से कई पर पहले से ही उंगलियां उठती रही हैं। लेकिन पार्टी नेतृत्व अनसुना करता रहा। ये दोनों नेता तृणमूल कांग्रेस के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे। संसद में गांधी मूर्ति के पास धरना में भी नहीं गए।

भाजपा, कांग्रेस और वाममोर्चा ने बंगाल और दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस पर हमले तेज कर दिए हैं। बंगाल में विपक्षी पार्टियां ब्लॉक स्तर पर वह सीडी दिखा रही हैं और धरना-प्रदर्शन भी जारी है। दिल्ली में भाजपा सांसद एस.एस. अहलूवालिया, कांग्रेस के अधीर चौधरी और माकपा के मोहम्मद सलीम ने तृणमूल पर हमले की जिम्मेदारी उठा रखी है। संसद में तो मोहम्मद सलीम ने यहां तक कह दिया कि जो सांसद घूस के नोटों के पीछे पागल हैं, उनके साथ बैठने में शर्म आ रही है। 

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