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केजरी, किरण को अण्णा का न्योता नहीं

अण्णा हजारे का 23-24 फरवरी को दिल्ली के तर-मंतर पर होने वाला आंदोलन सांकेतिक आंदोलन होगा। भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ, किसानों के हक को लेकर इस धरने में देशभर से लोग जुटेंगे। सरकार ने अगर तीन महीने तक आंदोलकारियों की प्रस्तावित मांगों पर गौर नहीं किया तो रामलीला मैदान में अनिश्चिकालीन धरना दिया जाएगा।
केजरी, किरण को अण्णा का न्योता नहीं

आंदोलन में मेधा पाटकर, गोविंदाचार्य, डॉ. सुब्बा राव,  राजेंद्र सिंह,  अमरनाथ भाई, अखिल गोगोई,  डॉ. सुनीलम, राकेश रफीक,  सूफी गिलानी,  विश्वंभर चौधरी, विनायक पाटील,  अक्षयकुमार और राजगोपाल सहित 70 से ज्यादा जगहों के आंदोलनकारी भाग लेंगे। अण्णा हजारे की अति व्यस्तता के चलते निजी तौर पर उनका कामकाज आंदोलन से जुड़े दत्ता अवारी देखते हैं। अवारी अण्णा के निजी सचिव भी हैं। आउटलुक की प्रमुख संवाददाता मनीषा भल्ला ने उनसे बात की:

अबकी दफा आंदोलन किस लिए?

फिर से एक दफा जनआंदोलन का समय आया है। एक महीने से देश के कई हिस्सों से काफी संख्या से किसान संगठन रालेगणसिद्धी आकर अण्णा से मिल रहे थे। वे आंदोलन को समर्थन दे रहें हैं। जनता की उम्मीदों को देखते हुए जनआंदोलन करने का फैसला लिया गया।

आंदोलन में टीम अण्णा दिखेगी यानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भाजपा नेता किरण बेदी को न्यौता है?

नहीं। हमारी ओर से दोनों में से किसी को भी आंदोलन के लिए न्यौता नहीं दिया गया है। इसमें नेताओं और राजनीतिक बातें करने वालों के लिए जगह नहीं है। यहां सिर्फ किसानों के अधिकारों की बात होगी। हां अगर वे अपनी मर्जी से बिना किसी राजनीतिक एजेंडे के आना चाहें तो आ सकते हैं।

आंदोलन किस बैनर तले हो रहा है?

भ्रष्टाचार विरोधी जनआंदोलन के बैनर तले।  

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