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गर्मी से 1100 लोगों की मौत, सरकार जश्‍न में व्‍यस्‍त

भीषण गर्मी और लू से अब तक देश में 1100 से ज्‍यादा लोगों के मारे जाने की खबर है। इसके बावजूद अभी तक इसे राष्‍ट्रीय आपदा नहीं माना जा रहा है। नेपाल भूकंप में तुरंत राहत पहुंचाने वाली केंद्र सरकार भी इस मामले को हल्‍के में ले रही है।
गर्मी से 1100 लोगों की मौत, सरकार जश्‍न में व्‍यस्‍त

नई दिल्‍ली। देश के कई इलाके भीषण गर्मी की चपेट में हैं। हफ्ते भर के अंदर गर्मी और लू से हुई मौतों का आंकड़ा 1100 के पार पहुंच चुका है। लेकिन सरकारी तंत्र इसे आपदा के तौर पर लेने के बजाय साधारण गर्मी मानकर चल रहा है। केंद्र सरकार के ज्‍यादातर मंत्री अपनी एक साल की उपलब्धियों के प्रचार में व्‍यस्‍त हैं, जबकि गर्मी से मरने वाले लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है। अकेल आंध्र प्रदेश में गर्मी से 852 लोगों के मरने की खबर है जबकि तेलंगान में भी 250 से ज्‍यादा लोगों की मौत हुई है। भंयकर गर्मी से ओडिशा में 11 और पश्चिम बंगाल मे 13 लोग जान गवा हैं। देश के अधिकांश इलाकों में तापमान सामान्‍य से 4-5 डिग्री ज्‍यादा बना हुआ है। 

 

जानकारों का मानना है कि इस बार मार्च-अप्रैल में हुई बारिश के बाद मई में तापमान बहुत तेजी से बढ़ा। इसकी वजह से उमस ज्‍यादा है और अचानक तामपान बढ़ने से शरीर में तेजी से पानी की कमी हुई है। इसके अलावा कुछ लोग गर्मी से हुई मौत को विकिरण यानी रेडिएशन के बढ़ते प्रभाव जोड़कर भी देख रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार, पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत की ओर से आ रही पछुवा हवाओं के चलते भी उत्‍तर और मध्‍य भारत में गर्मी कीबढ़ी है। इसके असर से दिल्‍ली, हरियाणा और राजस्‍थान में लू का असर है।  

 

अभी राहत की उम्‍मीद नहीं

मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों के दौरान भी गर्मी से राहत की उम्‍मीद नहीं है। अगले 48 घंटे तक हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, विदर्भ और ओडिशा में उच्च तापमान बना रहेगा। दिल्ली में शनिवार तक कुछ राहत महसूस की जा सकती है लेकिन शनिवार के बाद दोबारा गर्मी बढ़ सकती है। एक ओर जहां उत्‍तर और मध्‍य भारत भीषण गर्मी के चपेट में हैं वहीं कश्मीर घाटी में भी बारिश और ऊपरी इलाकों में बर्फबारी की संभावना है। उधर, मानसून अगले चार-पांच दिनों में केरल तट तक पहुंच सकता है। लेकिन इस सप्‍ताह के आखिर तक उत्‍तर और मध्‍य भारत में गर्मी से राहत की उम्‍मीद नहीं है।  

 
 
हरकत में नहीं आया आपदा प्रबंधन 
देश में गर्मी और लू से हजार से ज्‍यादा लोगों की मौत के बावजूद राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) हरकत में नहीं आया है। नेपाल भूकंप के वक्‍त तुरंत राहत पहुंचाने वाली केंद्र सरकार अपनी सालगिरह के जश्‍न में व्‍यस्‍त है। अभी तक गृह मंत्रालय ने भी गर्मी से हो रही मौतों को लेकर कोई कारगर कदम नहीं उठाया है। यहां तक कि इसे राष्‍ट्रीय आपदा तक घोषित नहीं किया गया है। एनडीएमए ने अपनी वेबसाइट पर भी पिछले साल गर्मी के लिए जारी चेतावनी को ही दोहराकर अपनी जिम्‍मेदारी पूरी कर ली है। अभी तक भारत सरकार की ओर से गर्मी से हुई मौतों को लेकर कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। राज्‍य सरकारों की ओर से भी विशेष इंतजाम देखने को नहीं मिले हैं। 
 
 
 
 
 

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