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आउटलुक विशेष- जीएसटी को लेकर ममता को मनाने में जुटे वित्त मंत्री

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के यू-टर्न से नॉर्थ ब्लॉक चिंता में है। विधानसभा का अल्पकालीन सत्र बुलाकर जीएसटी के संविधान संशोधन विधेयक पर मुहर लगाने की बात थी, लेकिन आखिरी मौके पर ममता बनर्जी ने समय के अभाव में इस पर चर्चा नहीं कराने का फैसला किया। अब इस मुद्दे को लेकर ममता बनर्जी को मनाने में जुट गए हैं केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली। श्री जेटली चाहते हैं कि ममता बनर्जी को जो गलतफहमियां हो गई हैं, उन्हें दूर कर लिया जाए। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इसी कारण केंद्रीय वित्त सचिव अशोक लवासा को कोलकाता भेजने का फैसला किया गया है, जो वहां के वित्त मंत्री अमित मित्र और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे और अफसरों के साथ बैठक कर जीएसटी की राह आसान करने की कोशिश करेंगे।
आउटलुक विशेष- जीएसटी को लेकर ममता को मनाने में जुटे वित्त मंत्री

संसद में संविधान संशोधन विधेयक पारित करा चुकी है केंद्र की मोदी सरकार। अब कम से कम 16 राज्यों की विधानसभाओं में इसे पारित कराया जाना जरूरी है। तभी संविधान संशोधन कराया जा सकता है। मोदी सरकार की योजना है कि संसद के शीतकालीन सत्र में मूल जीएसटी विधेयक पारित करा लिया जाए। तृणमूल कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, दरअसल ममता बनर्जी इस मुद्दे पर गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात करना चाहती हैं। भाजपा विरोधी गैर-कांग्रेसी दलों को एक मंच पर लाने की कवायद में ममता बनर्जी इस मुद्दे का भी इस्तेमाल करना चाहती हैं।

बंगाल विधानसभा में जीएसटी को लेकर भाषण में ममता बनर्जी ने कहा कि मैं निजी तौर पर जीएसटी का समर्थन करती हूं, लेकिन समयाभाव में इस मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा नहीं हो पा रही है। दरअसल, ममता बनर्जी राज्य के वित्तीय मुद्दों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर दबाव बना रही हैं। कई केंद्रीय योजनाओं में अनुदान राशि कम किए जाने, केंद्रीय कर्ज का बोझ और राज्य की ट्रेजरी पर केंद्र सरकार की नजरदारी का मुद्दा ममता बनर्जी उठाती रही हैं। केंद्रीय वित्त सचिव इन्हीं मुद्दों पर राज्य की अफसरशाही और ममता बनर्जी कैबिनेट को तथ्यों के आधार पर समझाने की कोशिश करेंगे।

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, चतुर्थ वित्त आयोग की सिफारिश मानते हुए राज्यों को अनुदान राशि में बढ़ोतरी की गई है। जहां तक ट्रेजरी पर नजरदारी की बात है, वह ठीक नहीं है। ममता बनर्जी का दावा है कि पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए राज्य की ट्रेजरी पर केंद्र नियंत्रण करेगी। अभी हाल में राज्य सरकार से पूछे बगैर बंगाल के वित्त मंत्रालय में केंद्रीय अफसरों को भेजा गया है। इस बारे में केंद्र का तर्क है कि पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम इसलिए तैयार किया गया है, ताकि राज्य के विभागों को पता चलता रहे कि किस मद में केंद्र ने कितनी रकम दी। राज्य की ट्रेजरी के अफसरों को नई प्रणाली का प्रशिक्षण देने के लिए केंद्र से अफसरों को भेजा जा रहा है। असम, ओड़ीसा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल जैसे राज्यों में यह काम पूरा कर लिया गया है।

दरअसल, केंद्र की चिंता है कि अगर बंगाल की देखादेखी अन्य कई राज्यों ने आपत्ति उठानी शुरू कर दी तो 31 मार्च तक जीएसटी का काम पूरा नहीं किया जा सकेगा।

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