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भीमा-कोरेगांव जातीय हिंसा के पीछे भाजपा और आरएसएस का हाथ: मायावती

महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव युद्ध की सालगिरह पर हुई हिंसा से पूरे राज्य में तनाव का वातावरण है। हिंसा...
भीमा-कोरेगांव जातीय हिंसा के पीछे भाजपा और आरएसएस का हाथ: मायावती

महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव युद्ध की सालगिरह पर हुई हिंसा से पूरे राज्य में तनाव का वातावरण है। हिंसा में एक व्यक्ति की मौत के बाद सरकार ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं इसके बाद भी सूबे के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। अब पुणे हिंसा की आग मुंबई समेत कई शहरों तक फैल गई है।

इस बीच बीएसपी नेता मायावती ने भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा पर कहा है कि यह जो घटना घटी है, रोकी जा सकती थी। सरकार को वहां सुरक्षा की उचित व्यवस्था करनी चाहिए थी। वहां बीजेपी की सरकार है और उन्होंने वहां हिंसा करवाई। लगता है इसके पीछे बीजेपी, आरएसएस और जातिवादी ताकतों का हाथ है।

वहीं बहुजन महासंघ के नेता और डॉ बीआर आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद का आह्रवान किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि इस हिंसा के पीछे हिंदू संस्था के मिलिंद एकबोते ओर सांभाजी भिंडे का हाथ है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंदू एकता आगाड़ी और शिवराज प्रतिष्ठान की वजह से मुठभेड़ हुई, जिसका नेतृत्व क्रमशः मिलिंद एकबोते और संभाजी भिंडे ने किया।

आंबेडकर के मुताबिक ग्रामीणों को शिवराज प्रतिष्ठान द्वारा उकसाया गया, जबकि हिंदू एकता अगाड़ी ने कोरेगांव युद्ध स्मारक की ओर जाने वाले लोगों पर पत्थर फेंके।

इधर मंगलवार को देर शाम दो युवाओं अक्षय बिक्कड और आनंद डॉन्ड ने पुणे के डेक्कन पुलिस स्टेशन में विधायक जिग्नेश मेवाण्‍ाी और जेएनयू के छात्र उमर खालिद के खिलाफ लिखित शिकायत देकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि जिग्नेश मेवाण्‍ाी और उमर खालिद ने कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था।

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