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बच्चे को दूध नहीं पिलाने पर कार्रवाई

कामकाजी महिलाओं में सबसे खराब स्थितियां मजदूर वर्ग की महिलाओं की हैं। उनके लिए न तो क्रेच व्यवस्था है और न वे मजदूरी के समय से समय निकाल अपने नवजात बच्चों को दूध पिला सकती हैं। कुपोषण के शिकार इनके बच्चों का सही विकास तक नहीं हो पाता है। बच्चे को दूध न पिला सकने का ऐसा ही एक मामला तेलंगाना में सामने आया है जिसमें ऐसा होने पर बच्चे की मौत हो गई है।
बच्चे को दूध नहीं पिलाने पर कार्रवाई

तेलंगाना सरकार ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिेए हैं। जानकारी के अनुसार एक महिला श्रमिक के छह महीने के बच्चे कि  मौत इसलिए हो गई क्योंकि साइट इंजीनियर ने उसे बच्चे को दूध पिलाने की अनुमति नहीं दी। राज्य के उपमुख्यमंत्री मोहम्मद महमूद अली ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले इंस्पेक्टर ए.राम रेड्डी ने कहा था कि हालांकि यह घटना सात फरवरी को हटनूर में हुई थी लेकिन यह सभी की जानकारी में रविवार को आई। मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने निर्माण कंपनी के साइट इंजीनियर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 ए के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

आरोप है कि महबूबनगर निवासी महिला को लगभग दो घंटे तक उसके बच्चे को दूध पिलाने की अनुमति नहीं दी गई। भूख के मारे बच्चा जार-जार रो रहा था। इस वजह से उसकी मौत हो गई। महिला निर्माण स्थल के नजदीक ही रहती थी।

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