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शपथ ग्रहण के पहले ही राज्यपाल और विपक्ष के साथ टकराव के रास्ते पर ममता

जीत का जश्न अभी थमा भी नहीं कि बंगाल में राजनीतिक हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष ने सरगर्मी तेज कर दी है। इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ ही राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के साथ भी टकराव के रास्ते पर हैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राजनीतिक हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताई है और उन्हें कहा है कि पुलिस को संयत रहकर और निष्पक्ष होकर काम करने का निर्देश दें। उधर, विपक्षी कांग्रेस और वाममोर्चा गठबंधन ने ममता बनर्जी के शपथ ग्रहण समारोह का बॉयकॉट करने का ऐलान किया है। ममता बनर्जी 27 मई को राजभवन में शपथ लेंगी।
शपथ ग्रहण के पहले ही राज्यपाल और विपक्ष के साथ टकराव के रास्ते पर ममता

वाममोर्चा के जमाने में नई सरकार के शपथग्रहण समारोह का बॉयकॉट करना ममता बनर्जी का राजनीतिक हथियार रहा है। ममता राज में यह हथकंडा अब विपक्षी कांग्रेस-तृणमूल कांग्रेस गठबंधन अपना रहा है। चुनाव नतीजे आने के बाद राजनीतिक हिंसा का मुद्दा विपक्ष के हाथ लग गया है। इसको लेकर विपक्ष सड़कों पर उतरने लगा है। विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के बाद राज्यपाल ने ममता बनर्जी को कड़ी चिट्ठी लिखकर राजनीतिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई और पुलिस की भूमिका पर असंतोष जताया।

चुनाव नतीजे आने के बाद से वीरभूम के नानूर समेत बंगाल के विभिन्न जिलों में हिंसा का दौर-दौरा चल रहा है। नानून में माकपा और तृणमूल कांग्रेस समर्थक के बीच हिंसक संघर्ष में खोकन शेख नामक एक व्यक्ति की मौत हो गई। उसे गोली मारी गई थी। नानूर के एक गांव से सैकड़ों देसी बम बरामद किए गए हैं। नानूर के आसपास के गांवों के अलावा मयूरेश्वर, आरामबाग, हल्दिया, बर्दवान, जामूड़िया, मंगलकोट, हावड़ा के विभिन्न इलाकों में हिंसक संघर्ष, तोड़फोड़, आगजनी का दौर-दौरा चल रहा है। हल्दिया, आसनसोल, डेबरा, घाटाल, हुगली के गोघाट, बांकुड़ा आदि इलाकों में राजनीतिक दलों के पार्टी ऑफिस दखल, ग्राम दखल, इलाका दखल के प्रयास में हिंसक संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं। 

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