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33 हजार एनजीओ नहीं ले सकेंगे विदेशी चंदा

केंद्र सरकार ने देश में पंजीबद़़ध 33 हजार एनजीओ में से 20 हजार के एफसीआरए लाइसेंस निरस्‍त कर दिए हैं। अब सिर्फ 13 हजार एनजीओ ही कानूनी तौर पर मान्य होंगे। फारेन कंट्रीब्‍यूशन रेगुलेशन एक्‍ट लाइसेंस निरस्‍त होने का मतलब ये हुआ कि ये एनजीओ अब विदेश से चंदा नहीं ले सकेंगे। यह फैसला होम मिनिस्ट्री ने लिया है। दिसंबर की शुरुआत में ही इन 13 हजार एनजीओ के लाइसेंस ऑनलाइन प्रोसीजर से रिन्यू किए गए थे।
33 हजार एनजीओ नहीं ले सकेंगे विदेशी चंदा

राजनाथ सिंह को होम मिनिस्ट्री के फॉरेनर डिवीजन की एक रिव्यू मीटिंग में इस फैसले की जानकारी दी गई। सिंह को डीटेल्ड प्रेजेंटेशन देने के बाद होम मिनिस्ट्री के अफसरों ने कहा कि देश में अब सिर्फ 13 हजार एनजीओ ही लीगली वैलिड हैं। सरकार ने एक साल पहले इन गैैर सरकारी संगठन का रिव्यू शुरू किया था। ये अब तक जारी है। 

जिन 13 हजार संगठनों को लीगली वैलिड माना गया है। उनमें से तीन हजार ने रिन्यूअल के लिए होम मिनिस्ट्री को एप्लीकेशन भेजी थीं। इसके अलावा दो हजार संगठन ऐसे थे जिन्होने एफसीआरए लाइसेंस के लिए पहली बार रजिस्ट्रेशन मांगा था। 300 एनजीओ को एफसीआरए रजिस्ट्रेशन के लिए प्रॉयर परमिशन कैटेगरी में रखा गया है।

15 दिसंबर को सरकार ने 7 NGOs के एफसीआरए लाइसेंस कैंसल कर दिए थे। इनमें एक्टिविस्ट शबनम हाशमी का एनजीओ भी शामिल था। इसके खिलाफ कुछ खुफिया रिपोर्ट्स भी सरकार को मिली थीं। शबनम के अलावा ग्रीनपीस इंडिया और सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ के दो एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस भी पिछले दिनों कैंसल किए गए थे। होम मिनिस्ट्री ने उन एनजीओ की जांच की थी जिनके एफसीआरए लाइसेंस रिन्यू किए जाते रहे थे।

 

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