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जीका वायरस: 3 मामलों की हुई पुष्टि, ऐसे करें बचाव

भारत में जीका वायरस के तीन मामलों की पुष्टि हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सोमवार को देश में जीका के तीन मामलों की पुष्टि की है। तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिला से जीका वायरस का पहला मामला सामने आया।
जीका वायरस: 3 मामलों की हुई पुष्टि, ऐसे करें बचाव

26 जून को पीड़ित युवक अंचैटी प्राइमरी हेल्थ सेंटर में पहुंचा। मरीज में जीका के सारे लक्षण जैसे बुखार, स्किन रैशेज, जोड़ों में दर्द, आंखों में लाली आदि पाए गए।

क्या है जीका?

जीका एक किस्म का संक्रमण, यह मुख्य तौर पर एडिस मच्छर के कारण फैलता है और गर्भवती मां के जरिए कोख में पल रहे बच्चे को भी हो सकता है। जिससे बुखार, रैश, जोड़ों में दर्द, आंखों में लाली आदि होते हैं। जीका वायरस के संक्रमण से मस्तिष्क संबंधी कई जटिलताएं और उन संवेदी तंत्रिकाओं को भी नुकसान पहुंच सकता है।

ऐसे करें बचाव

-जीका वायरस से बचने के लिए एडिस मच्छर की सक्रियता के वक्त घर के भीतर ही रहना चाहिए। यह दिन के वक्त सूरज के चढ़ने से पहले या छिपने के बाद सुबह या शाम को काटते हैं।

-अच्छी तरह से बंद इमारतें इस से बचने के लिए सबसे सुरक्षित जगहें हैं।

-बाहर जाते हुए जूते, पूरी बाजू के कपड़े और लंबी पैंट पहने।

-डीट या पीकारिडिन वाले बग्ग स्प्रे या क्रीम लगाएं।

-दो महीने से छोटे बच्चों पर डीट वाले पदार्थ का प्रयोग न करें।

-कपड़ों पर पर्मिथ्रीन वाले कीट रोधक का प्रयोग करें।

-रुके हुए पानी को निकाल दें।

-अगर आप को पहले से जीका है तो खुद को मच्छरों के काटने से बचाएं, ताकि यह और न फैल सके।

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