Advertisement

राम मंदिर निर्माण मामले में प्रतीक्षा करें, प्रक्रिया जारी: राम माधव

भाजपा के महासचिव ने संघ और भाजपा के बीच के रिश्तों पर डाली रोशनी
राम मंदिर निर्माण मामले में प्रतीक्षा करें, प्रक्रिया जारी: राम माधव

 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भाजपा में आए राम माधव ने आज संघ के प्रति अपने गहरी निष्ठा प्रदर्शित करते हुए कहा कि वह पहले संघ के प्रति प्रतिबद्ध हैं और बाद में भाजपा के प्रति। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा राम मंदिर निर्माण को तेज करने के आह्वान के बारे में उन्होंने कहा कि यह संघ का पुराना एजेंडा है और वह इसके प्रति प्रतिबद्ध है। संघ प्रमुख द्वारा राम मंदिर के मुद्दे को फिर से उछालने की राजनीति के बारे में एक सवाल के जबाव में राम माधव ने कहा संघ को मंदिर निर्माण की प्रतिबद्धता को जाहिर करने का पूरा हक है।

एबीपी टीवी न्यूज चैनल पर एक कार्यक्रम के दौरान आउटलुक के सवाल के जवाब में उन्होंने राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को अदालत में विचारणीय बताया। उन्होंने संवाददाता के सवाल के जवाब में कहा, हम थोड़ी प्रतीक्षा करें, सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है, कई दस्तावेजों को लिपांतरित करने का काम चल रहा है। अभी आंदोलन की तारीख की घोषणा तो की नहीं गई है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा, भाजपा की अपनी प्रतिबद्धता है। मामला अदालत में है, अगर कोई सर्वमान्य हल निकलता है, तो अलग बात है। जहां तक इस अभियान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की बात है तो वह बाद का मसला है, इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता। बातचीत के दौरान, राम माधव ने यह भी नहीं माना कि राम मंदिर का यह मुद्दा उत्तर प्रदेश में चल रही चुनावी तैयारियों के मद्देनजर संघ प्रमुख ने रखा है। उन्होंने कहा, नेता सुने, सरकार सुने इसलिए संघ काम नहीं करता। जो हम सही मानते वहीं कहते हैं। ये भी नहीं हो सकता कि हम सरकार में हैं इसलिए संघ पर कोई गैग (मुंह बंद करने का आदेश) आदेश नहीं दे सकते। मैं आरएसएस का होने की वजह से कह रहा हू कि संघ कभी भाजपा के अंदरूनी मसलों में दखल देने के लिए नहीं बोलता है।  

राम माधव ने संघ प्रमुख के आरक्षण पर दिए बयान को बिहार में भाजपा को मिली विफलता से जोड़ने से नकार कर दिया। उन्होंने संघ प्रमुख का बचाव करते हुए कहा कि आरक्षण पर उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। उन्होंने कहा कि चुनाव को जीतने के लिए लड़ा जाता है और इसके लिए उचित रणनीति बनाई जाती है। अगर दो राज्यों (दिल्ली और बिहार) में हम हार गए तो बाकी राज्यों औऱ केंद्र में मिली जीत फीकी नहीं पड़ जाती है। उन्होंने बताया कि असम के आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा का लक्ष्य कांग्रेस मुक्त असम है। उन्होंने अपनी रणनीति का खुलासा करने से इनकार करते हुए कहा कि अभी समय है और वह खुद तमाम चीजों की कमान संभाले हुए हैं।  

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad