अटार्नी जनरल ने अदालत को बताया, ‘मैंने सीबीआई से भी इस बारे में पूछा है। माल्या 2 मार्च को ही देश छोड़ चुके थे, जिस दिन हमने उनका पासपोर्ट जब्त करने के लिए आवेदन किया था। ब्रिटेन में उनकी अकूत संपत्ति है। लिहाजा वह वहीं हो सकते हैं।’
न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ और न्यायमूर्ति रोहिंगटन एफ. नरीमन की खंडपीठ ने 17 बैंकों की साझा अपील पर माल्या को नोटिस जारी करते हुए अटार्नी जनरल से कहा कि वह अदालत में पेश होकर अपना पासपोर्ट जमा करवाएं। खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 30 मार्च को तय करते हुए कहा, ‘इस मुकाम पर हम उसे एक नोटिस देंगे। आप यह नोटिस उन तक पहुंचाएं, तब अगली तारीख को हम देखेंगे कि क्या करना चाहिए। आप उनसे अदालत आने के लिए कहिए।’