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आया मौसम प्यार का

वेलेंटाइन डे दस्तक दे रहा है। एक हफ्ते के हग डे, चॉकलेट डे, किस डे के बाद अब आ गया है प्यार का दिन
आया मौसम प्यार का

प्यार का तो हर दिन है, लेकिन एक दिन खास होता है, जब प्रेमी या प्रेमिका का हाथ थामें बगीचे में बैठना, साथ फिल्म देखना, उसे कोई तोहफा देना भाता है। अखबार में बुद्धिजीवी भले ही इसे बाजार का त्योहार कह कर कोसें लेकिन हकीकत यह है कि प्रेमी जोड़े को इससे को फर्क नहीं पड़ता है। यह त्योहार जेब पर कितना भी भारी पड़े इसे मनाने का उत्साह कम नहीं होता।

वेलेंटाइन डे की पूर्वसंध्या पर होटलों की बुकिंग के लिए मारामारी है, गुलाब के फूल वालों ने आज गुलाब बेचना बंद कर दिए हैं ताकि कल दोगुने दाम में बेचा जा सके। डीयू की छात्रा सुगंधा कहती हैं, ‘दीपावली पर भी इतना सारा पैसा खर्च होता है तो क्या हम उसे मनाना छोड़ देते हैं। नहीं न तो फिर दीपावली के मुकाबले तो वेलेंटाइन डे पर बहुत कम पैसे खर्च होते हैं।’ सुगंधा ने अपने बॉयफ्रेंड को देने के लिए खूबसूरत घड़ी खरीदी है।

सफदरजंग एनक्लेव में फूलों की दुकान लगाने वाले अजय कहते हैं, ‘सुबह-सुबह गुलाब की बिक्री बहुत ज्यादा होती है। तब तो 50 रुपये का गुलाब भी लोग खरीद लेते हैं। फिर शाम को एक बार फिर तेजी आती है। लड़के दफ्तर से निकलते हुए फूल खरीदते हैं और महंगे दाम पर भी फूल खरीद लेते हैं।

दुकानें खूबसूरत टेडी बियर, लाल रंग के दिलनुमा आकारों, चॉकलेट्स, इत्र और कार्ड से सज गई हैं। केक और पेस्ट्री की बहार है। मॉल में उपहार खरीदने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी है। कुछ दल और असामाजिक तत्व भले ही धमकी दें या पीटने या शादी करा देने जैसे मूर्खतापूर्ण बयान दें, यह तो तय है कि प्रेम का दिन सब पर भारी पड़ेगा।   

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