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अब कम दाम पर ज्यादा चैनल देख पाएंगे उपभोक्ता, ट्राई ने जारी की नई लिस्ट

केबल टीवी ग्राहकों को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नए साल का तोहफा दिया है। ट्राई के नए...
अब कम दाम पर ज्यादा चैनल देख पाएंगे उपभोक्ता, ट्राई ने जारी की नई लिस्ट

केबल टीवी ग्राहकों को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नए साल का तोहफा दिया है। ट्राई के नए नियम के अनुसार, आगामी एक मार्च से 130 रुपये (टैक्स के बिना) में उपभोक्ताओं को कम से कम 200 फ्री टू एयर चैनल देखने को मिलेंगे। अभी 130 रुपये में सिर्फ 100 चैनल मिलते थे।

दरअसल, उपभोक्ता हितों के संरक्षण के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने बुधवार को केबल और प्रसारण सेवाओं के लिए नयी नियामकीय रूपरेखा पेश की। इसके तहत केबल टीवी के ग्राहक कम कीमत पर अधिक चैनल देख सकेंगे। इसमें विशेष बात यह है कि नियामक ने उपभोक्ताओं द्वारा सभी ‘फ्री टू एयर’ चैनलों के लिए दिए जाने वाले मासिक शुल्क की सीमा 160 रुपये तय कर दी है।

ट्राई ने बयान में कहा कि कई टीवी वाले घर यानी जहां एक से ज्यादा टीवी कनेक्शन एक व्यक्ति के नाम पर हैं, वहां दूसरे और अतिरिक्त टीवी कनेक्शनों के लिए घोषित नेटवर्क क्षमता शुल्क (एनसीएफ) का अधिक 40 प्रतिशत तक लिया जाएगा।

200 चैनलों के लिए 130 रुपये

विभिन्न प्रावधानों की समीक्षा के बाद ट्राई ने 200 चैनलों के लिए अधिकतम एनसीएफ शुल्क (कर रहित) को घटाकर 130 रुपये कर दिया है। इसके अलावा नियामक ने फैसला किया है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जिन चैनलों को अनिवार्य घोषित किया है, उन्हें एनसीएफ चैनलों की संख्या में नहीं गिना जाएगा।

छह महीने से ज्यादा के सब्सक्रिप्शन पर रियायत

इसके अलावा ट्राई ने वितरण प्लेटफार्म परिचालकों (डीपीओ) को लंबी अवधि यानी छह महीने अथवा अधिक के सब्सक्रिप्शन पर रियायत देने की भी अनुमति दे दी है।

सस्ते टीवी चैनल देखने वालों को राहत

इसके अलावा 12 रुपये से अधिक कीमत वाले सभी टीवी चैनल किसी भी बुके का हिस्सा नहीं होंगे। इन चैनलों को ग्राहक अलग से ले सकेंगे। वह केबल चैनल जो 12 रुपये या उससे कम के दाम वाले हैं उनके लिए एक अलग से ग्रुप बनाया जा सकता है। इस नियम से सस्ते टीवी चैनल देखने वालों को काफी राहत मिलेगी क्योंकि एक चैनल का नाम लेकर कई ऑपरेटर तमाम ऐसे चैनलों का ग्रुप बना देते थे जिसे ग्राहक देखना नहीं चाहता था। ट्राई ने पिछले साल नई टैरिफ व्यवस्था लागू की थी, जिसमें दर्शक केवल उन्हीं चैनल के लिए पैसे देंगे, जिन्हें देखना चाहते हैं।

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