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हिंदी की छोड़िए, खबर की सुध नहीं

अखबारों की छोटी सी खबर से आम जनता को पता चला कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस होता है। हिंदी के प्रति प्रतिबद्ध सरकार में केवल विदेश मंत्रालय ने एक आयोजन किया।
हिंदी की छोड़िए, खबर की सुध नहीं

विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली के पांच सितारा होटल अशोक में एक कार्यक्रम आयोजित किया। इस साल इस कार्यक्रम की धूम हर अखबार में इसलिए रही क्योंकि एक रूसी छात्रा इवजिनिया ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता पहचान सुनाई। सुषमा स्वराज भी इस छात्रा के स्पष्ट उच्चारण सुन कर आश्चर्यचकित थीं। उन्होंने इवजिनिया की तारीफ भी की।

इवजिनिया केंद्रीय हिंदी संस्थान की छात्रा है और पांच महीने पहले ही उसने हिंदी सीखना शुरू किया है। अपने आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर की प्रेरणा से इवजिनिया ने हिंदी सीखना शुरू किया है।

सभी अखबारों ने इसे प्रमुखता से छापा है। लेकिन कार्यक्रम हो जाने के दो दिन बाद भी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर इस कार्यक्रम से संबंधित कोई प्रेस रीलिज नहीं हैं। साइट पर पिछले साल की ही खबर दिखाई दे रही है। इसी से पता चलता है कि हिंदी के नाम पर ऐसे कार्यक्रम महज खानापूर्ति होते हैं।

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