Advertisement

चुनाव में अंगुली पर मार्कर पेन से निशान लगाने की तैयारी

मतदान के प्रमाण के तौर पर मतदाता की अंगुली पर स्याही का निशान लगाने के लिए अब बोतल एवं ब्रश की बजाय मार्कर पेन का इस्तेमाल किया जा सकता है। चुनाव आयोग ने मैसूर पेंट्स की ओर से उपलब्ध कराए गए मार्कर पेन से निशान लगाने का परीक्षण आरंभ कर दिया है। देश भर के चुनावों में इस्‍तेमाल होने वाली इस स्‍याही को कर्नाटक सरकार का उपक्रम मैसूर पेंट्स बनाया है।
चुनाव में अंगुली पर मार्कर पेन से निशान लगाने की तैयारी

देश के सभी चुनाव में मतदाताओं की अंगुली पर स्याही का निशान लगाने का सिलसिला सन 1962 से चला रहा है। ब्रश से लगाया गया निशान कई बार स्पष्ट नहीं होता है, मतदाताओं की इस राय के बाद आयोग नया प्रयोग करने जा रहा है। इस तरह की कलम का इस्तेमाल करने की एक और बड़ी वजह इसके भंडारण और परिवहन में आसानी भी है जो बोतल एवं ब्रश को लेकर नहीं होती है।

मैसूर पेंट्स की ओर से मुहैया कराई इस तरह की कलम का इस्तेमाल अफगानिस्तान में हुए हालिया चुनाव में भी किया गया है। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, हम फिलहाल मार्कर पेन का परीक्षण कर रहे हैं। इसके बड़े पैमाने पर इस्तेमाल को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। बहुत कुछ नतीजों पर निर्भर करेगा। अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में इस तरह की कलम का इस्तेमाल किया गया।

चुनाव आयोग ने 1962 में कानून मंत्रालय, राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला एवं राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम के साथ मिलकर मैसूर पेंट्स के साथ लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए पक्की स्याही की आपूर्ति का समझौता किया था। मैसूर पेंट्स कर्नाटक सरकार का उपक्रम है।

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad