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दिल्ली के यमुना घाट पर जुटे प्रवासी मजदूर, केजरीवाल बोले- कर दी है खाने और रहने की व्यवस्था

एक बार फिर देश की राजधानी दिल्ली में प्रवासी मजदूर भारी संख्या में कश्मीरी गेट के नजदीक कुदेशिया घाट...
दिल्ली के यमुना घाट पर जुटे प्रवासी मजदूर, केजरीवाल बोले- कर दी है खाने और रहने की व्यवस्था

एक बार फिर देश की राजधानी दिल्ली में प्रवासी मजदूर भारी संख्या में कश्मीरी गेट के नजदीक कुदेशिया घाट के पास इकठ्ठा हो गए। जिसके बाद सभी को राजधानी के अलग-अलग सरकारी स्कूलों ले जाया गया। जिसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। सभी के रहने और खाने की व्यवस्था कर दी गई है। इससे ठीक एक दिन पहले मुंबई के बांद्रा स्टेशन के पास हजारों की तादात में प्रवासी श्रमिक अपने मूल राज्य जाने की मांग को लेकर इकठ्ठा हो गए थे। दिल्ली में पिछले महीने भी लॉकडाउन होने के बाद आनंद विहार बस स्टैंड और अन्य जगहों पर हजारों-हजार की संख्या में प्रवासी श्रमिक जमा हुए थे। 

बता दें, देश में फैल रहे कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ा दिया गया है। जिसकी वजह से जरूरी सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी गतिविधियां ठप हैं।covid19india.org के मुताबिक दिल्ली में अभी कोरोना के 1,561 मामले आए हैं। जबिक 30 लोगों की मौत हो चुकी है।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट कर दी जानकारी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया कि यमुना घाट पर मजदूर इकठ्ठा हुए। उनके लिए रहने और खाने की व्यवस्था कर दी है। उन्हें तुरंत शिफ्ट करने के आदेश दे दिए हैं। रहने और खाने की कोई कमी नहीं है। किसी को कोई भूखा या बेघर मिले तो हमें जरूर बताएं। उन्होंने कहा कि हम रोज 10 लाख लोगों को खाना खिलाते हैं, 75 लाख लोगों को मुफ्त राशन दिया। हजारों बेघरों के लिए छत का इंतजाम किया। लोग इतने गरीब हैं, कई लोगों को सरकारी इंतजाम का पता ही नहीं चलता।

‘हवाई यात्रा करने वाले कोरोना लाए हैं’

लॉकडाउन की वजह से देशभर में फंसे हजारों प्रवासी श्रमिक फंसे हुए हैं और समस्या का सामना कर रहे हैं। इस पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि हवाई यात्रा करने वालों द्वारा देश में कोरोना वायरस लाया गया और इसका खामियाजा पैर से चलने वाले पीड़ित श्रमिकों को भुगतना पड़ रहा है। पासपोर्ट धारक देश में वायरस लाते हैं, लेकिन बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) कार्ड वाले लोग पीड़ित हैं।

कोरोना वायरस से बचते हुए भी भूखें मर जाएंगे: तेजस्वी

आगे तेजस्वी ने कहा, "सरकारें सोचती हैं कि 500 रुपये और एक मुट्ठी चावल-दाल देने से गरीब संतुष्ट हो जाएंगे। मैं सरकार से अपील करता हूं कि वे महीनों तक गरीबों को राशन सुनिश्चित करें अन्यथा वे कोरोना वायरस से बचे हुए भी भूखें मर जाएंगे।" 

 

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