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संदिग्‍ध माओवादी नेता कोबाड घांडी को तीन महीने की जमानत

पुलिस की तरफ से प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के शीर्ष विचारक बताए जा रहे कोबाड घांडी को दिल्ली की एक अदालत ने स्वास्थ्य आधार पर तीन महीने की जमानत दी है।
संदिग्‍ध माओवादी नेता कोबाड घांडी को तीन महीने की जमानत

अदालत ने कहा कि 65 वर्षीय घांडी विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त हैं और मुकदमे के दौरान उनकी स्थिति दिनों-दिन खराब होती गई। वह सितंबर, 2009 के बाद से हिरासत में हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रीतेश सिंह ने कहा, ‘इन तथ्यों और हालातों को देखते हुए मैं आरोपी कोबाड घांडी को एक लाख रुपये की जमानत राशि और इतनी ही राशि के दो मुचलकों पर तीन महीने की अंतरिम जमानत मंजूर करता हूं।’

अदालत में अभी मामले में अभियोजन की गवाही रिकार्ड हो रही है जिसमें घांडी सह आरोपी राजेंद्र कुमार उर्फ अरविंद जोशी के साथ मुकदमे का सामना कर रहे हैं। घांडी गैरकानूनी गतिवधि रोकथाम कानून (यूएपीए) और आईपीसी के विभिन्न प्रावधानों के तहत कथित दंडनीय अपराध के लिए मुकदमे का सामना कर रहे हैं। अदालत ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत राजेंद्र कुमार के खिलाफ आरोप तय किया था।

जमानत याचिका पर जिरह के दौरान घांडी के वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल कई बीमारियों का सामना कर रहे हैं जिसके लिए उन्हें लगातार चिकित्सकीय उपचार कराने की जरूरत है और जेल में इसकी पर्याप्त सुविधा नहीं है। अदालत ने घांडी की चिकित्सकीय स्थिति के बारे में तिहाड़ जेल अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी थी। न्यायाधीश ने कहा, लगता है कि कोबाड घांडी कई बीमारियों का सामना कर रहे हैं। अदालत ने कहा, उनकी उम्र 65 साल है। इस अदालत में मुकदमे के आगे बढ़ने के साथ ही उनकी स्थिति दिनों-दिन बिगड़ती गई।

 

प्रतिष्ठित दून स्कूल और सेंट जेवियर्स कॉलेज मुंबई के छात्र रहे घांडी देश के विभिन्न हिस्सों में करीब 20 आपराधिक और आतंकी मामलों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार उन्हें पूर्ववर्ती भाकपा-माले (पीपुल्स वार ग्रुप) के शीर्ष नेतृत्व का हिस्सा बताया जाता था। वह पीपुल्स वार ग्रुप के साथ विलय के बाद भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति के कथित तौर पर लगातार सदस्य बने रहे और 2007 में माओवादी पोलित ब्यूरो में निर्वाचित हुए।

 

घांडी को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने गिरफ्तार किया था। उन्हें दिल्ली में भाकपा (माओवादी) का आधार स्थापित करने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने प्रतिबंधित आतंकी समूह का सदस्य होने और इसकी गतिविधियों को बढ़ाने के प्रयास के आरोप में उनके खिलाफ 16 जुलाई 2012 को आरोप तय किए थे। प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) की सदस्यता और इसकी गतिविधियों को मजबूत करने के संबंध में उनके खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून की धारा 20 और 38 के तहत आरोप लगाए गए थे।

 

अदालत ने कथित धोखाधड़ी, धोखाधड़ी के उद्देश्य से फर्जीवाड़ा, आपराधिक साजिश और भेष बदलकर धोखाधड़ी करने के मामले में राजेंद्र कुमार के खिलाफ भी आरोप तय किए थे। घांडी को पूर्व में अदालत ने उचित मंजूरी के अभाव में आतंक के आरोपों से मुक्त कर दिया था और बाद में विशेष प्रकोष्ठ ने गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत उनके अभियोजन के लिए अन्य मंजूरी के साथ नया आरोपपत्र दायर किया था। उसके बाद उनके खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत आरोप तय किए गए। वह कथित फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी करने और भेष बदलकर रहने के मामले में भी मुकदमे का सामना कर रहे हैं।

 

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