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अवैध और अनुचित तरीके से किया गय़ा धर्मांतरण गलत: मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अवैध और अनुचित तरीकों से किए जाने वाला धर्मांतरण गलत है और संघ इसका...
अवैध और अनुचित तरीके से किया गय़ा धर्मांतरण गलत: मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अवैध और अनुचित तरीकों से किए जाने वाला धर्मांतरण गलत है और संघ इसका विरोध करता है।

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में जारी “भविष्य का भारत, संघ की दृष्टि” कार्यक्रम में तीसरे और अंतिम दिन तमाम सवालों के बीच उनसे जब यह सवाल किया गया कि जब संविधान में सभी पंथों या संप्रदायों को समानता है तो फिर संघ क्यों धर्मांतरण का विरोध करता है, तो आरएसएस प्रमुख ने कहा कि “जब सभी पंथ समान हैं तो धर्मांतरण की जरुरत ही क्यों है, और इसके मायने हैं कि धर्मांतरण गलत उद्देश्यों को लेकर किया जा रहा है। इसीलिए संघ ऐसे धर्मांतरण का विरोध करता है।“

इसी अवसर पर मोहन भागवत ने कहा कि वह कश्मीर पर अनुच्छेद 370 और अनु 35A को स्वीकार नहीं करता और इसे हटना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर विकास कार्यों की जरूरत है और वहां के लोगों को मुख्य धारा में जोड़ा जाना चाहिए।

हिंदुत्व से जुड़े एक अन्य सवाल पर भागवत ने कहा कि हिंदुत्व के खिलाफ कहीं कोई गुस्सा नहीं है और पूरी दुनिया में इसको स्वीकार किया जा रहा है।

महिला सुरक्षा से जुड़े सवाल पर आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हमें ऐसे समाजिक परिदृश्य का निर्माण करना है जहां महिलाएं अपने को सुरक्षित महसूस करें। इसके साथ ही पुरुषों को भी महिलाओं का सम्मान करना सीखना होगा।

एलजीबीटीक्यू से संबंधित धारा 370 पर अभी हाल ही में आए फैसले के संदर्भ में मोहन भागवत का कहना था समाज में इस समुदाय को अलग से नहीं देखना चाहिए। लेकिन इसके साथ ही समलैंगिकों के अधिकार ही सिर्फ मसला नहीं है जिस पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि समय बदल रहा है और समाज को ऐसे मसले पर फैसला करना होगा।

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