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योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर सवा सौ करोड़ खर्च

विश्व योग दिवस के अवसर इतिहास रचने की मंशा लिए भारत सरकार ने सवा सौ करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि केवल प्रचार-प्रसार पर खर्च किया है। सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने इस दिवस को सफल बनाने का जो बजट तैयार किया है वह प्रचार-प्रसार के लिए अन्य योजनाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा है।
योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर सवा सौ करोड़ खर्च

सरकारी सूत्रों के मुताबिक अकेले आयुष विभाग ने ३० करोड़ रुपये खर्च करने का जिम्मा उठाया है। जबकि विदेश मंत्रालय भारत के अलावा दुनिया भर में स्थित भारतीय दूतावासों के जरिए योग दिवस को सफल बनाने के लिए प्रचार कर रहा है। जिसका बजट सौ करोड़ रुपये के आसपास बताया जा रहा है।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक दुनिया भर में स्थित भारतीय दूतावासों के जरिए अन्य देशों को यह संदेश भिजवाया जा रहा है कि भारत ने विश्व योग दिवस पर कीर्तिमान स्‍थापित किया है। इसलिए संभव है कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में भी इसका नाम आ जाए। केंद्र सरकार के अलावा भाजपाशासित राज्य सरकार भी योग दिवस को सफल बनाने के लिए प्रचार-प्रसार कर रही है।

राजस्‍थान सरकार ने तो प्रत्येक गांव के लिए पांच हजार रूपये की धनराशि प्रचार-प्रसार पर खर्च करने की अनुमति दे दी है। इसी तरह मध्य प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा आदि की राज्य सरकारें भी योग दिवस को सफल बनाने के लिए जी-जान से जुटी हैं। राज्य सरकारें प्रचार-प्रसार के अन्य मदों में कटौती कर ज्यादातर धनराशि योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर खर्च कर रही है। मध्य प्रदेश सूचना विभाग से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार की योजनाओं के लिए जितना खर्च नहीं किया गया उससे ज्यादा की धनराशि केवल योग दिवस को सफल बनाने के लिए किया जा रहा है। 

आयुष विभाग की ओर से गैर भाजपाशासित राज्यों में भी योग दिवस को सफल बनाने के लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सरकारी खर्च के अलावा विभिन्न संस्‍थाओं ने भी योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर खर्च कर रही हैं। ताकि योग दिवस को सफल बनाया जा सके। 

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