Advertisement

शिवसेना के विरोध के बाद गुलाम अली का शो रद्द

शिवसेना के विरोध के बाद मशहूर गजल गायक गुलाम अली का मुंबई में आयोजित होने वाला कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है।
शिवसेना के विरोध के बाद गुलाम अली का शो रद्द

दिवंगत गजल गायक जगजीत सिंह की याद में मुंबई में होने वाले कार्यक्रम में पाकिस्‍तान के मशहूर गजल गायक गुलाम अली नहीं आएंगे। शिवसेना ने उनके कार्यक्रम में बाधा पहुंचाने की धमकी दी थी। बुधवार शाम कार्यक्रम के आयोजक ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी, जिसके बाद गुलाम अली के कार्यक्रम को रद्द करने का फैसला किया गया। गुलाम अली के साथ दो अन्य पाकिस्तानी कलाकारों को भी शामिल होना था। 

शिवसेना ने गुलाम अली के कार्यक्रम का विरोध करते हुए कहा था कि जब तक सीमा पार से आतंकवाद नहीं रूकता, तब तक पड़ोसी देश के किसी भी कलाकार को देश में प्रस्तुति देने की मंजूरी नहीं दी जाएगी। यह फैसला महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के सुरक्षा के बंदोबस्त के आश्वासन के बावजूद लिया गया है।

आयोजक रणधीर राॅय ने मातोश्री के बाहर संवाददाताओं से कहा, गुलाम अली का समारोह रद्द कर दिया गया। ना तो गुलाम अली और ना ही कोई और पाकिस्तानी कलाकार नौ अक्तूबर को होने वाले कार्यक्रम में प्रस्तुति देगा। पिछले कुछ दिनों से इस संगीत कार्यक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर खासी चर्चा चल रही थी।  

हालांकि, भाजपा ने इस मुद्दे पर शिवसेना के विरोध को गलत ठहराते हुए गुलाम अली को शांति का दूत करार दिया है। भाजपा का कहना है कि ऐसा दूत किसी सीमा में बंधा नहीं होता है। गुलाम अली के कार्यक्रम के शिवसेना द्वारा विरोध पर असहमति जताते हुए केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे भी गलत ठहराया था।  

 

मैं नाराज नहीं, आहत हूं: गुलाम अली 

 

घटनाक्रम को लेकर गुलाम अली ने कहा कि कार्यक्रम उनकी तरफ से रद्द नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, माहौल मेरे कार्यक्रम प्रस्तुत करने के अनुकूल नहीं है। वह चाहते हैं कि भारत-पाकिस्तान के संबंध सुधरें। लेकिन इस तरह के विवादों से लोगों के सुर बिगड़ते हैं। मैं नाराज नहीं हूं, मैं आहत हूं। उन्होंने जगजीत सिंह को अपना भाई बताते हुए कहा कि जब भी दोनों मिलते थे और कार्यक्रम प्रस्तुत करते थे तो दोनों एक होते थे। 

उधर, शिवसेना की धमकी के चलते मुंबई में गुलाम अली का कार्यक्रम रद्द होने पर पाकिस्तान ने आज निराशा व्यक्त की।  पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि सांस्कृतिक आदान प्रदान द्विपक्षीय संबंधों का महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसे उनका देश प्रोत्साहित करता है।

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad