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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 साल की उम्र में निधन

पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है। उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर...
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 साल की उम्र में निधन

पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है। उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर जानकारी दी है। सोमवार शाम को 84 साल की उम्र में प्रणब मुखर्जी ने अंतिम सांस ली। वे पिछले कई दिनों से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे। बीते दिनों प्रणब मुखर्जी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, उनकी सर्जरी भी हुई थी। केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि उनके निधन पर पूरे भारत में 31 अगस्त से 6 सितंबर तक सात दिवसीय राजकीय शोक मनाया जाएगा।

प्रणब मुखर्जी को खराब स्वास्थ्य की वजह से 10 अगस्त को दिल्ली के आरआर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके मस्तिष्क में खून का थक्का जमने के बाद सर्जरी की गई थी।

बता दें कि प्रणब मुखर्जी साल 2012 देश के राष्ट्रपति बने थे, 2017 तक वो राष्ट्रपति रहे। साल 2019 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि भारत, भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोकाकुल है। उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है। प्रधानमंत्री के अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और केंद्रीय मंत्रियों ने भी शोक व्यक्त किये।

प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी। रामनाथ कोविंद ने ट्वीट में लिखा कि प्रणब मुखर्जी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। उनका जाना एक युग का अंत है। प्रणब मुखर्जी ने देश की सेवा की, आज उनके जाने पर पूरा देश दुखी है।

उन्होंने लिखा कि असाधारण विवेक के धनी, भारत रत्न श्री मुखर्जी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम था। 5 दशक के अपने शानदार सार्वजनिक जीवन में, अनेक उच्च पदों पर आसीन रहते हुए भी वे सदैव जमीन से जुड़े रहे। अपने सौम्य और मिलनसार स्वभाव के कारण राजनीतिक क्षेत्र में वे सर्वप्रिय थे।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया की बहुत दुख के साथ, देश को हमारे पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के दुर्भाग्यपूर्ण निधन की खबर मिली।  मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। शोक संतप्त परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।  

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि प्रणब मुखर्जी को देश के हर तबके का सम्मान प्राप्त था। उनका निधन एक निजी क्षति है, जिनके पास सार्वजनिक जीवन के हर क्षेत्र का ज्ञान था। राजनाथ सिंह ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी का जीवन बेहद साधारण था, इसी तरह उन्होंने देश की सेवा की।

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि भारत रत्न प्रणब मुखर्जी एक शानदार नेता थे, जिन्होंने देश की सेवा की। प्रणब जी का राजनीतिक करियर पूरे देश के लिए गर्व की बात है। अमित शाह ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी ने अपने जीवन में देश की सेवा की, उनके निधन के बाद देश के सार्वजनिक जीवन को बड़ी क्षति हुई है।

पश्चिम बंगाल के बीरभूम में प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर, 1935 को हुआ था, आरम्भिक पढ़ाई भी उन्होंने गृह जिले से ही की थी। मगर बाद में कोलकाता में राजनीतिक शास्त्र की पढ़ाई करने आ गए। लगभग 6 दशक तक के अपने सियासी जीवन में प्रणब मुखर्जी ने हर वो मंत्रालय और पद संभाला है, जो राजनीतिक जीवन में काफी अहम माना जाता है।

प्रणब मुखर्जी 1969 से 5 बार राज्यसभा के सांसद चुने गए, फिर 2004 में उन्होंने चुनावी सियासत में कदम रखा और लोकसभा सांसद भी चुने गए। इंदिरा गांधी के सहयोग से राजनीति में प्रवेश करने वाले प्रणब मुखर्जी कांग्रेस का सबसे बड़ा और भरोसेमंद चेहरा भी बने।

साल 1973 में प्रणब मुखर्जी पहली बार केंद्रीय मंत्री बने, उसके बाद लगातार वो इंदिरा गांधी की सरकार, फिर राजीव गांधी की सरकार में मंत्री बनते रहे। 1980 में प्रणब मुखर्जी का राज्यसभा में कांग्रेस का नेता बना दिया गया और प्रधानमंत्री के बाद दूसरे नम्बर पर वे ही दिखे।

वहीं साल 2012 में प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनाया गया, वो 2017 तक इस पद पर रहे। इस दौरान शुरुआती साल में मनमोहन सिंह और अंतिम वर्षों में नरेंद्र मोदी के साथ उन्होंने काम किया। नरेंद्र मोदी और प्रणब मुखर्जी की जोड़ी हमेशा चर्चा में रही, आखिरकार में मोदी सरकार ने ही 2029 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया।

 

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