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भारत विरोधी पोस्ट, फेक न्यूज रोकने के लिए मैकेनिज्म की मांग; SC ने दिया ट्विटर, केंद्र को नोटिस

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच इन दिनों अनबन चल रही है। इस बीच ट्विटर पर फर्जी...
भारत विरोधी पोस्ट, फेक न्यूज रोकने के लिए मैकेनिज्म की मांग; SC ने दिया ट्विटर, केंद्र को नोटिस

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच इन दिनों अनबन चल रही है। इस बीच ट्विटर पर फर्जी समाचार और भड़काऊ संदेशो को रोकने के लिए मैकेनिज्म की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और ट्विटर को नोटस जारी कर जवाब मांगा है। 

इस मामले में पिछले साल मई में भाजपा नेता विनीत गोयनका ने ट्विटर सामग्री और घृणित विज्ञापनों की समीक्षा करने के लिए एक मैकेनिज्म बनाने के लिए याचिका दायर की थी। इसके साथ ही ट्विटर पर नफरत फैलाने वाले फर्जी अकाउंट को रोकने का आग्रह किया था।

इस याचिका में कहा गया कि इन फर्जी ट्विटर हैंडल और फेसबुक अकाउंट संवैधानिक अधिकारियों और प्रतिष्ठित नागरिकों की फोटो का प्रयोग करते है, इसलिए आम लोग इन पर भरोसा कर लेते हैं। इन फर्जी अकाउंट का इस्तेमाल जातिवाद और हिंसा भड़काने में किया जाता है, जो एकता के लिए खतरा पैदा करते हैं। फेक न्यूज के जरिए देश में नफरत फैलाई जा रही है। जिन्हें सत्यापित करने के लिए मैकेनिज्म की जरूरत है।

याचिका में यह मांग की गई कि ट्विटर, फेसबुक सहित सभी सोशल मीडिया अकाउंट होल्डर्स का केवाएसी किए जाने की जरूरत है, जिससे सोशल मीडिया पर भड़काऊ और नफरत फैलाने वाले आपत्तिजनक पोस्ट शेयर करने वालों की पहचान आसानी से की जा सके।

याचिका में कहा गया कि वर्तमान में भारत में ट्विटर हैंडल की कुल संख्या लगभग 3.5 करोड़ है और फेसबुक 35 करोड़। विशेषज्ञों का कहना है कि लगभग 10 प्रतिशत ट्विटर हैंडल (3.5) और 10 प्रतिशत फेसबुक अकाउंट फर्जी है।

याचिका में कानून बनाने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं, जिसके अनुसार भारत में ट्विटर और उनके प्रतिनिधियों के खिलाफ भारत के ट्वीट्स को घृणित रूप से अपमानजनक और बढ़ावा देने और उन्हें दंडित करने के लिए कार्रवाई शुरू की जा सकती है।

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