राजधानी दिल्ली और एनसीआर में एक बार फिर प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। दिल्ली के पटपड़गंज इलाके में बुधवार को वायु गुणवत्ता स्तर 341 है तो समूची दिल्ली में 403 है। वहीं, बुधवार को भी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में सबसे ज्यादा प्रदूषण रहा। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के मुताबिक, गाजियाबाद के लोनी इलाके में बुधवार को प्रदूषण का स्तर 456 है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद घातक है।
इससे पहले मंगलवार को हवा की गति में कमी आई जिस वजह से प्रदूषक तत्व वातावरण में एक ही जगह पर मौजूद रहे। इसके कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स में प्रदूषण में बढ़ोतरी दर्ज की गई।
वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के प्रदूषण मॉनीटरिंग स्टेशन में दिल्ली के एयर क्वालिटी इंडेक्स में सोमवार की तुलना में मंगलवार के दिन ज्यादा प्रदूषण दर्ज हुआ। दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स मंगलवार के दिन 369 दर्ज हुआ, इससे पहले सोमवार के दिन 343 दर्ज हुआ था।
खराब श्रेणी में दिल्ली-एनसीआर का एयर इंडेक्स
गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स में प्रदूषण ज्यादा दर्ज हुआ। दिल्ली-एनसीआर में एयर इंडेक्स बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है। वहीं, गाजियाबाद में खतरनाक स्तर पर प्रदूषण का स्तर दर्ज हुआ है। मौसम विज्ञानियों ने बताया कि प्रदूषण का स्तर बुधवार के दिन बढ़ सकता है। मौसम विज्ञानियों ने बताया कि गुरुवार को हवा 25 किलोमीटर की रफ्तार से चल सकती है जिसके कारण प्रदूषण का स्तर गिरने की संभावना है।
स्पेन में दिल्ली के वायु प्रदूषण का अहसास
स्पेन की राजधानी मैड्रिड में हो रहे सीओपी-25 पर्यावरण सम्मेलन में विश्व के नेता और अन्य आगंतुक भारत की राजधानी दिल्ली के वायु प्रदूषण के गंभीर हालात का अहसास कर रहे हैं। मैडिड में वायु प्रदूषण के खिलाफ एक कलात्मक मुहिम के तहत कई पॉड बनाए गए हैं। इसमें एक या दो मिनट रह कर लोग किसी देश के किसी शहर के वायु प्रदूषण को महसूस कर सकते हैं।
इन हवाओं से पूरे शरीर पर अलग संवेदनाओं का अहसास होता है
लंदन के कलाकार माइकल पिंक्सकी ने कई पॉल्यूशन पॉड बनाए हैं। इन गोलाकार पॉड में आकर लोग सांस में लेने में दिक्कत का अनुभव करते हैं। पिंक्सकी ने बताया कि हर पॉड में एक खास शहर की वायु की नकल तैयार की गई है। इन हवाओं से पूरे शरीर पर अलग संवेदनाओं का अहसास होता है। उदाहरण के तौर पर साओ पालो में ताजातरीन हवा के चलते किसी वन या सैंचुरी में रहने का अहसास होता है, जबकि भारत की राजधानी दिल्ली में रहते हुए आंखें नम हो जाती हैं और एथनॉल जैसे प्रदूषण का अहसास होता है। जबकि टॉट्रा की वायु अत्यधिक शुद्ध और ताजा है। ऐसी शुद्ध वायु का पहले कभी अनुभव नहीं किया गया है।
यह केवल सुरक्षित परफ्यूम और फॉग मशीन का कमाल
उन्होंने कहा कि पॉड में किसी खतरनाक गैस या तत्व का इस्तेमाल नहीं किया गया है। यह केवल सुरक्षित परफ्यूम और फॉग मशीन का कमाल है। यहां पॉल्यूशन पॉड का इस्तेमाल विश्व के कुछ सर्वाधिक प्रदूषित शहरों को दर्शाने के लिए किया गया है। इनमें नई दिल्ली, लंदन, बीजिंग, साओ पालो के साथ ही शुद्ध वायु वाले शहर नॉर्वे के टॉट्रा को भी शामिल किया गया है। इन पॉड को नॉर्वे के एक फेस्टिव में पिछले साल लगाया गया था। तब से अब तक इन पॉड में बीस हजार से अधिक लोग जा चुके हैं।