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"नियम फॉलो करने में मनमाना वक्त लेंगे तो उसकी इजाजत नहीं, केंद्र एक्शन लेने के लिए स्वतंत्र", हाईकोर्ट की ट्विटर को फटकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर की तरफ से स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति न किए जाने पर नाराजगी...

दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर की तरफ से स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति न किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर से सख्त लहजे में सवाल करते हुए कहा है, “21 जून को अधिकारी के हटने के बाद आपको उनकी जगह दूसरे की नियुक्ति थी पर आपने अब तक ऐसा नहीं किया। आप इसमें और कितना वक़्त लेंगे। यदि आपको ऐसा लगता है कि हिंदुस्तान में आप इसके लिए मनचाहा वक़्त ले सकते हैं। तो इसकी इजाजत हम नहीं देंगे।” आगे कोर्ट ने ट्विटर से ये भी कहा है कि यदि वो नए आईटी नियमों का पालन नहीं करती है तो केंद्र इसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।

गौरतलब है कि नए आईटी नियमों पर विवाद के बीच सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर इंडिया के शिकायत अधिकारी धर्मेंद्र चतुर ने बीते महीने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे कुछ हफ्ते पहले ही ट्विटर इंडिया ने भारत में नए आईटी नियमों के तहत ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने और नए नियमों के पालन के लिए इनकी नियुक्ति की थी।

ट्विटर की तरफ से पेश हुए वकील ने कोर्ट में कहा, “शिकायत अधिकारी की नियुक्ति प्रकिया अंतिम चरण में है। दो हफ्ते में इसे पूरा हो जाने की उम्मीद है।“ दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर को 8 जुलाई तक कोर्ट में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है और कहा है कि वो बताए कि नए आईटी नियमों के अनुपालन में शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति कब करेगा।

इससे पहले सोमवार को केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया था कि ट्विटर नए आईटी नियमों को अपने प्लेटफॉर्म पर लागू करने में विफल रही है। केंद्र ने आईटी नियम 2021 का पालन करने के लिए सभी प्लेटफॉर्म्स को 3 महीने का समय दिया था और इसकी अवधि 26 मई को खत्म हो चुकी है।

 

 

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