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कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर में पीक पर हो सकती, बच्चों-व्यस्कों पर बरपाएगा कहर; जानें- पूरी रिपोर्ट, कितने तैयार हम !

देश में कोरोना वायरस के मामलों में गिरावट देखी जा रही है, लेकिन अब तक इस महामारी का संकट टला नहीं है। अब...
कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर में पीक पर हो सकती, बच्चों-व्यस्कों पर बरपाएगा कहर; जानें- पूरी रिपोर्ट, कितने तैयार हम !

देश में कोरोना वायरस के मामलों में गिरावट देखी जा रही है, लेकिन अब तक इस महामारी का संकट टला नहीं है। अब भी तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों द्वारा कई अनुमान लगाए जा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति ने कहा है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर अक्टूबर के आसपास अपने चरम पर पहुंच सकती है। इतना ही नहीं इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों और वयस्कों पर देखने को मिल सकता है।

पीएमओ द्वारा सौंपी गई एक रिपोर्ट में बच्चों की सुरक्षा के लिए कमेटी ने डॉक्टरों, कर्मचारियों, वेंटिलेटर और एम्बुलेंस जैसै उपकरणों सहित बाल चिकित्सा सुविधाओं की गंभीर आवश्यकता के बारे में बात की है।

द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, एमएचए के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के तहत विशेषज्ञों की समिति का गठन किया गया था। विशेषज्ञों ने गंभीर बीमारी वाले बच्चो और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान को प्राथमिकता देने के बारे में भी लिखा है।

बता दें, देश के दवा नियामकों ने 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को ज्योडस कॉडिला के ज्यूकोव-डी वैक्सीन को मंजूरी दे दी है, लेकिन यह अभियान अभी शुरू होना बाकी है। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने संकेत दिया था कि बच्चों को सितंबर से वायरस के खिलाफ अपनी खुराक मिलनी शुरू हो सकती है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक जो भी बच्चे कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे। उनमें से 60-70 प्रतिशत मामले ऐसे थे जिनमें बच्चों को या तो पहले से कोई बीमारी थी या फिर उनकी इम्यूनिटी कमजोर थी। बच्चों में कोरोना से ठीक होने के बाद एमआईएस-सी भी होता देखा गया, ये दुर्लभ और गंभीर मामले सामने आए।

 

 

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