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‘नहीं मिल सकती राष्ट्रपति की कारों की जानकारी’

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति द्वारा इस्तेमाल में लाई जाने वाली कारों के निर्माण, मॉडल नंबर और रजिस्ट्रशन नंबर की जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा है कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय है और इस तरह की जानकारी सार्वजनिक करने से देश के प्रथम नागरिक के लिए खतरा हो सकता है। मंत्रालय ने जिस सूचना को देने से मना कर दिया है वह अपुष्ट सूत्रों के हवाले से सोशल मीडिया पर उपलब्ध है।
‘नहीं मिल सकती राष्ट्रपति की कारों की जानकारी’

यूट्यूब पर एक पोस्ट में दावा किया गया है कि राष्ट्रपति काली मर्सडीज बेंज एस600 (डब्ल्यू 221) पुलमैन गार्ड का इस्तेमाल करते हैं। यह जरूरत के हिसाब से बनाई गयी, भारी बख्तरबंद लिमोजिन है जो सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी वीआर6-वीआर7 की जरूरतों को पूरा करती है।

इसमें दावा किया गया है, राष्ट्रपति के काफिले में पहले इस्तेमाल में लाई जाती रही काली मर्सडीज बेंज डब्ल्यू 140 लिमोजिन भी है जिसका इस्तेमाल अतिरिक्त वाहन के तौर पर किया जाता है। कई समाचार प्लेटफॉर्म पर भी सूचना उपलब्ध है। आरटीआई आवेदक राकेश अग्रवाल ने राष्ट्रपति के सचिवालय से उन सभी कारों के निर्माण, मॉडल नंबर और रजिस्ट्रेशन नंबर के बारे में पूछा था जिनमें रजिस्ट्रेन नंबर के स्थान पर राजकीय चिह्न लगा होता है।

उन्होंने राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के राजभवन और राजनिवास की कारों के बारे में और राजकीय चिह्न के इस्तेमाल के नियमों के बारे में पूछा था। आवेदन को गृह मंत्रालय भेज दिया गया जिसने कहा कि जो जानकारी मांगी गई है उसे आरटीआई कानून, 2005 की धारा 8 (1) (ए) और (जी) के तहत खुलासा करने से छूट प्राप्त है और जानकारी देने से देश की सुरक्षा और राष्ट्रपति के जीवन तथा शारीरिक सुरक्षा को खतरा होगा। गृह मंत्रालय की दलील पर सहमति जताते हुए मुख्य सूचना आयुक्त राधा कृष्ण माथुर ने याचिका को खारिज कर दिया।

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