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नाबालिग से रेप मामले में आसाराम को उम्रकैद, सहयोगियों को 20-20 साल की सजा

नाबालिग से बलात्कार मामले में आसाराम को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अब आसाराम अपनी मृत्यु...
नाबालिग से रेप मामले में आसाराम को उम्रकैद, सहयोगियों को 20-20 साल की सजा

नाबालिग से बलात्कार मामले में आसाराम को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अब आसाराम अपनी मृत्यु तक जेल में रहेंगे। साथ ही उनके सहयोगियों को 20-20 साल की सजा मिली है। जोधपुर की एससी/एसटी अदालत ने बुधवार सुबह आसाराम सहित उनके दो सेवादारों को भ्‍ाी इस मामले में दोषी करार दिया।

विशेष जज मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर जेल में ही अदालत लगाकर आसाराम के साथ शिल्पी और शरतचंद्र को दोषी ठहराया है, जबकि प्रमुख सेवादार शिवा और रसोइया प्रकाश को बरी कर दिया। साढ़े चार साल से जोधपुर जेल में बंद आसाराम के खिलाफ अपनी ही शिष्या के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा था।

आसाराम के साथ्‍ा ही शिव, शिल्पी, शरद और प्रकाश के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम , किशोर न्याय अधिनियम और भादंवि की विभिन्न धाराओं के तहत छह नवंबर 2013 को पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया था।

पीड़िता ने आसाराम पर उसे जोधपुर के नजदीक मनाई इलाके में आश्रम में बुलाने और 15 अगस्त 2013 की रात उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली पीड़िता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी। 

फैसले के बाद पीड़िता के पिता ने कहा, ‘‘हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और हमें खुशी है कि न्याय मिला।’’ 

उन्होंने कहा कि परिवार लगातार दहशत में जी रहा था और इसका उनके व्यापार पर भी काफी असर पड़ा।

आसाराम मामले में अंतिम सुनवाई अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति मामलों की विशेष अदालत में सात अप्रैल को पूरी हो गई थी और फैसला 25 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रखा गया था।

आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर एक सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया था और दो सितंबर 2013 से वह न्यायिक हिरासत में है।

आसाराम पर गुजरात के सूरत में भी बलात्कार का एक मामला चल रहा है जिसमें उच्चतम न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को पांच सप्ताह के भीतर सुनवायी पूरी करने का निर्देश दिया था।  आसाराम ने 12 बार जमानत याचिका दायर की, जिसे छह बार निचली अदालत ने , तीन बार राजस्थान उच्च न्यायालय और तीन बार उच्चतम न्यायालय ने खारिज किया।

 

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