Advertisement

यूपी के बाद एमपी में भी 'लव जिहाद' के खिलाफ अध्यादेश, शिवराज कैबिनेट ने दी मंजूरी

मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार ने मंगलवार को धर्म स्वतंत्रता (धार्मिक...
यूपी के बाद एमपी में भी 'लव जिहाद' के खिलाफ अध्यादेश, शिवराज कैबिनेट ने दी मंजूरी

मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार ने मंगलवार को धर्म स्वतंत्रता (धार्मिक स्वतंत्रता) अध्यादेश 2020 (लव जिहाद) को मंजूरी दे दी है। इस कानून के अनुसार किसी भी व्यक्ति द्वारा लालच देकर, धमकाकर, धर्म परितर्वन कराने को गैर कानूनी माना गया है। अध्यादेश के मुताबिक शादी या किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतरण के मामले में अधिकतम 10 साल की कैद और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। कोरोना के कारण विधानसभा सत्र स्थगित होने के कारण सरकार अध्यादेश लेकर आई है। सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री चौहान ने कहा था, 'मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2020 सहित जितने भी विधेयक विधानसभा सत्र स्थगित होने के कारण हम सदन में नहीं ला पाए, उन्हें कल मंगलवार को मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में अध्यादेश के माध्यम से लागू करेंगे। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएंगे।'

कोरोना वायरस के कारण अध्यादेश लाई सरकार
इस विधेयक को मध्यप्रदेश विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र में पेश करके पारित किया जाना था लेकिन कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति के कारण रविवार को सत्र को स्थगित कर दिया गया। यही वजह है कि सरकार अध्यादेश लेकर आई है। बता दें कि विधानसभा का सत्र 28 दिसंबर से शुरू होना था।

कानून में हैं कुल 19 प्रावधान
'धर्म स्वतंत्रता विधेयक 2020' को कैबिनेट से ध्वनि मत से पारित किया गया था। नए कानून में कुल 19 प्रावधान हैं, जिसके तहत अगर धर्म परिवर्तन के मामले में पीड़ित पक्ष की तरफ से शिकायत की जाती है, तो पुलिस आरोपी पर कार्रवाई करेगी। अगर कोई व्यक्ति धन और संपत्ति के लालच में धर्म छिपाकर शादी करता है तो उसकी शादी को शून्य माना जाएगा। इसके अलावा धर्म परिवर्तन पर संबंधित संस्थान भी बराबर का जिम्मेदार माना जाएगा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad