Advertisement

तीस्ता के बाद अब इंदिरा जयसिंह को घेरने की कोशिश

केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने स्वास्थ्य तथा अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर कानूनी लड़ाई लड़ने वाली संस्था लॉयर्स कलेक्टिव को विदेशी चंदा संबंधित कानून (एफसीआरए) के उल्लंघन के मामले में नोटिस भेजा है। खास बात यह है कि इस संस्था को मशहूर वकील इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर चलाते हैं जो वर्तमान केंद्र सरकार के खिलाफ कई मामलों की कानूनी पैरवी अतीत में कर चुके हैं।
तीस्ता के बाद अब इंदिरा जयसिंह को घेरने की कोशिश

इंदिरा जयसिंह तो गुजरात दंगा मामलों को लेकर लंबी कानूनी लड़ने वाली तीस्ता सीतलवाड़ की वकील रही हैं जबकि ग्रोवर ने अभी हाल में मुंबई धमाकों के मामले में फांसी चढ़ाए गए याकूब मेमन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मेमन का पक्ष रखने वाले वकीलों की अगुआई की थी। इंदिरा जयसिंह पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के काल में एडिशनल सॉलीसीटर जनरल थीं जबकि ग्रोवर को 2जी घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अभियोजक नियुक्त किया है। जयसिंह लॉयर्स कलेक्टिव की सचिव जबकि ग्रोवर अध्यक्ष हैं।

गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार जयसिंह के एडिशनल सॉलीसीटर जनरल के सरकारी पद पर रहने के दौरान इस संस्था को विदेशी चंदा मिला जो कि एफसीआरए कानून का उल्लंघन है। मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2009 से 2012 तक जयसिंह इस पद पर थीं और इस दौरान लॉयर्स कलेक्टिव को 11 करोड़ 67 लाख रुपये से ज्यादा का विदेशी चंदा मिला। वैसे 2006 से 2014 तक संस्था को विदेशों से करीब 28 करोड़ 47 लाख रुपये की मदद मिली।

इस मामले में संस्था के सूत्रों ने बताया कि कानून के अनुसार यदि कोई शख्स सरकारी पद पर रहने के दौरान सरकार से वेतन नहीं ले तो वह दूसरे स्रोतों से अपनी वैध आमदनी कमा सकता है। इंदिरा जयसिंह का मामला ऐसा ही बताया जा रहा है। संस्था के सूत्रों का कहना है कि इंदिरा जयसिंह के पास उस समय के अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती की लिखित अनुमति थी कि वह दूसरे वैध स्रोतों से आय प्राप्त कर सकती हैं।

वैसे इस मामले में मीडिया को खुद जयसिंह ने बताया कि अभी उन्हें किसी तरह का नोटिस नहीं मिला है। संस्था की ओर से जयसिंह ने गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजा है जिसमें उन्होंने लिखा है, ‘न तो मुझे और न ही लॉयर्स कलेक्टिव को एफसीआरए या किसी भी अन्य कानून के उल्लंघन से संबंधित कोई नोटिस मिला है। मैं इस बात से आश्चर्यचकित हूं कि लॉयर्स कलेक्टिव या मुझे नोटिस मिलने से पहले यह प्रेस को मिल गया। मैं इस नतीजे पर पहुंचने को मजबूर हूं कि यह मेरे और लॉयर्स कलेक्टिव के बारे में नकारात्मक छवि बनाने का प्रयास है न कि कथित कानून उल्लंघन का मामला।’ जयसिंह फिलहाल शिक्षण कार्य की वजह से अमेरिका में हैं और लौटने के बाद ही इस मामले में कुछ कह सकती हैं। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad