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देश के पास 19,398 वेंटिलेटर, 60,888 बनाने का आदेश; रिकवरी रेट हुआ 25.37 फीसदी

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इन सबके बीच रिकवरी होने की दर बढ़कर 25.37% हो...
देश के पास 19,398 वेंटिलेटर, 60,888 बनाने का आदेश; रिकवरी रेट हुआ 25.37 फीसदी

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इन सबके बीच रिकवरी होने की दर बढ़कर 25.37% हो गया है। शुक्रवार को अपने दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय की संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर लगातार बढ़ रही है। इससे पहले यह दर करीब 23.3% के आस-पास था। वहीं, एम्पावर्ड ग्रुप-3 के चेयरमैन पीडी वाघेला ने कहा कि इस वक्त देश में करीब 19,398 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं और 60,888 बनाने का आदेश दिया गया है जिसमें से 59,884 घरेलु निर्माताओं द्वारा बनाया जाएंगा।

बता दें, स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे 1,993 नए कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। जबकि देशभर में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,147 हो गई है। वहीं, कोविड मरीजों की  संख्या 35,043 हो गई है। इसमें अभी कुल 25,007 एक्टिव मामले हैं।

4 लाख से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध: पीडी वाघेला

वहीं, केंद्र सरकार कोविड संक्रमितों के इलाज में लगे डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा हेतु 2.22 करोड़ पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) बनाने का आदेश दिया है जिसमें से 1.43 करोड़ घरेलू कंपनियां बनाएंगी। चेयरमैन पीडी वाघेला आगे कहा कि अभी 2.49 करोड़ एन-95/एन-99 मास्क का ऑर्डर दिया गया है जिसमें से 1.49 करोड़ घरेलू कंपनियां बनाएंगी। दवाओं और अन्य चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन की स्थिति पर उन्होंने कहा कि एचसीक्यू (हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन) का उत्पादन 12.23 करोड़ से बढ़कर 30 करोड़ प्रति माह कर दिया गया है। इस वक्त 4 लाख से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं। एक लाख से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने का आदेश दिया जा चुका है और इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन को चिकित्सा ऑक्सीजन में परिवर्तित किया जा रहा है।

लॉकडाउन में फंसे लोगों को राज्य ट्रेन से ले जाएगी: गृह मंत्रालय

वहीं, देश के विभिन्न राज्‍यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों और अन्य लोगों को लाने के लिए केंद्र सरकार ने स्पेशल ट्रेन चलाने को मंजूरी दे दी है। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकारें इसके लिए रेलवे बोर्ड से संपर्क करके प्लान तैयार करें। ट्रेनों से आवाजाही के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा। ट्रेनों को पहले सैनिटाइज किया जाएगा और हर किसी की स्क्रीनिंग होगी। उन्होंने कहा कि भेजने वाले राज्य को भी यात्रियों की स्क्रीनिंग करनी होगी और लक्षण न पाए जाने पर ही ट्रेन में सफर करने की अनुमति होगी। राज्य की सरकार सैनिटाइज बस में यात्रियों को रेलवे स्टेशन तक लेकर आएगी। गंतव्य तक पहुंचने के बाद यात्रियों को राज्य की सरकार रिसीव करेगी और स्क्रीनिंग की जाएगी। अगर जरूरत होगी तो क्वारेंटाइन की व्यवस्था की जाएगी।

  

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