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सरकार से बात करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने बनाई 5 सदस्यों की कमिटी, राकेश टिकैत ने कहा- आंदोलन जारी रहेगा

संयुक्त किसान मोर्चा की शनिवार को हुई बैठक में एमएसपी, किसानों से केस वापसी जैसे मुद्दों पर सरकार से...
सरकार से बात करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने बनाई 5 सदस्यों की कमिटी, राकेश टिकैत ने कहा- आंदोलन जारी रहेगा

संयुक्त किसान मोर्चा की शनिवार को हुई बैठक में एमएसपी, किसानों से केस वापसी जैसे मुद्दों पर सरकार से बातचीत के लिए 5 सदस्यों की कमेटी पर सहमति बन गई है। कमेटी में बलबीर राजेवाल, गुरनाम चढूनी, शिव कुमार कक्का, युद्धवीर सिंह, अशोक धवले के नाम शामिल हैं। राकेश टिकैत ने एक बार फिर दोहराया कि जब तक एमएसपी और किसानों पर दर्ज केस वापस नहीं हो जाते, शहीद किसानों को मुआवजा नहीं मिला, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।  हम कहीं नहीं जा रहे। किसान मोर्चा की अगली बैठक 7 दिसंबर को होगी। 

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यह संयुक्त किसान मोर्चा की हेड कमेटी होगी। जो सभी महत्वपूर्ण फैसले लेगी। अभी तक सरकार ने आधिकारिक तौर पर बातचीत के लिए नहीं बुलाया। अगर बातचीत के लिए बुलाया जाता है, तो यही 5 लोग बातचीत के लिए जाएंगे।

मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि बनाई गई पांच सदस्यों की कमेटी का मकसद सरकार से सिर्फ अपनी मांगों को लेकर के बातचीत करना है न कि केंद्र सरकार की तरफ से जो 5 सदस्यों की कमेटी एमएसपी को बनाने के लिए दी गई थी, उनसे इसका कोई लेना देना नहीं है, जब तक किसानों पर दर्ज केस वापस नहीं होंगे उनको मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक आंदोलन वापस नहीं होगा।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि तीन कानून किसान और जनता विरोधी थे, जिस वजह से केंद्र को इन्हें रद्द करना पड़ा, यह हमारे देश के किसानों की बहुत भारी जीत है।. कुछ बातें हमने पहले दिन से रखी हैं, जिसमें एक एमएसपी की गारंटी भी शामिल है। दूसरी मांग बिजली बिल को लेकर है, जिसे हम रद्द कराना चाहते हैं, क्योंकि इससे किसानों और लोगों के ऊपर बोझ बढ़ेगा। आंदोलन के दौरान जो तीन बातें सामने आई हैं, उन पर आज की मीटिंग में चर्चा हुई। किसानों पर हजारों की तादाद में मुकदमे हुए हैं। बीजेपी के राज्यों में जो मुकदमे हुए हैं, उन्हें सरकार को वापस लेना चाहिए। 26 जनवरी और लखीमपुर खीरी के मुकदमों को भी वापस लेना चाहिए।

मोर्चा की ओर से केंद्र सरकार को उन 702 किसानों के नाम भेजे हैं जिनकी मौत किसान आंदोलन के दौरान हुई है। मृतक किसानों की सूची शुक्रवार को कृषि सचिव को भेज दी गई है। इससे पहले सरकार ने संसद में कहा था कि उसके पास आंदोलन के दौरान मृत किसानों का आंकड़ा नहीं है। मोर्चा की बैठक में कई वरिष्ठ किसान नेता भाग लेने पहुंचे। मीटिंग को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि आज की बैठक में एमएसपी, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को पद से हटाने की मांग, किसानों पर मुकदमे वापस लेना और किसानों के परिजनों को मुआवजा देने का मुद्दा शामिल हैं।

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