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मुंबई में 53 मीडियाकर्मी कोरोना पॉजिटिव, 173 के लिए गए थे सैंपल

कोविड-19 महामारी का इलाज करने वाले डॉक्टरों और नर्सों के बाद इसकी कवरेज करने वाले मीडियाकर्मी भी अब...
मुंबई में 53 मीडियाकर्मी कोरोना पॉजिटिव, 173 के लिए गए थे सैंपल

कोविड-19 महामारी का इलाज करने वाले डॉक्टरों और नर्सों के बाद इसकी कवरेज करने वाले मीडियाकर्मी भी अब इसकी चपेट में आने लगे हैं। मुंबई में कम से कम 53 मीडियाकर्मियों में कोरोनावायरस का संक्रमण मिला है। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने एक बयान में बताया कि महानगर के 171 मीडियाकर्मियों के सैंपल लिए गए थे, इनमें से 53 पॉजिटिव पाए गए हैं। इनकी संख्या बढ़ भी सकती है। इन मीडियाकर्मियों में रिपोर्टर, न्यूज़ चैनल के कैमरामैन और फोटो जर्नलिस्ट शामिल हैं। पिछले सप्ताह गुरुवार और शुक्रवार को इनके सैंपल लिए गए थे। इनकी जांच रिपोर्ट रविवार और सोमवार को आई है। इन्हें 14 दिनों के लिए एक होटल में आइसोलेशन में रखा गया है। गौरतलब है कि देश में कोरोनावायरस का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में ही देखने को मिल रहा है। यहां अब तक 4,204 संक्रमित लोगों का पता चला है, इनमें से 223 लोगों की मौत हो चुकी है।

मीडियाकर्मियों के संक्रमित होने की खबर दुर्भाग्यपूर्णः संयुक्त सचिव

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने सोमवार को अपने दैनिक ब्रीफिंग में भी इसका जिक्र किया। उन्होंने कहा, “मीडियाकर्मियों के कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने की खबर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।” उन्होंने मीडियाकर्मियों से आग्रह किया कि जब भी वे खबरों की कवरेज के लिए जाएं तो जरूरी सावधानियां बरतें, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें और फेस मास्क पहनें। अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों और जिला प्रशासन के साथ समन्वय बना रही है और जरूरी कदम भी उठा रही है। केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के लिए 3 बनाई है। एक टीम मुंबई में और एक पुणे में काम कर रही है। एक टीम केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन के बीच कोऑर्डिनेशन का काम कर रही है।

80 फीसदी मामले बिना लक्षण या कम लक्षण वाले

यह पूछे जाने पर कि क्या जिन लोगों में कोविड-19 के लक्षण नहीं हैं उन्हें भी जांच करवानी चाहिए, अग्रवाल ने कहा कि अभी तक 80 फ़ीसदी मामले या तो बिना लक्षण वाले हैं या उनमें बहुत कम लक्षण दिखे हैं। जहां तक सैंपलिंग के नियम का सवाल है, तो यह स्पष्ट है कि जिसे भी जरूरत होगी उसकी जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन से पहले 3.4 दिनों में संक्रमित लोगों की संख्या दोगुनी हो रही थी, जो अब 7.5 दिन हो गई है, यानी संक्रमण बढ़ने की रफ्तार कम हुई है।

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