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पांच साल के लिए डालमिया ग्रुप का हुआ शाहजहां का बनाया 'लाल किला'

भारत के इतिहास में पहली बार किसी कॉर्पोरेट घराने ने ऐतिहासिक विरासत को गो‍द लिया है। सरकारी धरोहर...
पांच साल के लिए डालमिया ग्रुप का हुआ शाहजहां का बनाया 'लाल किला'

भारत के इतिहास में पहली बार किसी कॉर्पोरेट घराने ने ऐतिहासिक विरासत को गो‍द लिया है। सरकारी धरोहर माने जाने वाला लाल किला अब डालमिया घराने की गोद में होगा। देश की ऐतिहासिक प्राचीर लाल किला अब डालमिया भारत ग्रुप की देखरेख में पांच सालों के लिए होगा। डालमिया ग्रुप ने नरेंद्र मोदी सरकार की ‘अडॉप्टर ए हेरिटेज’ नीति के तहत इसे गोद लिया है।

देश की इस धरोहर को संवारने के लिए डालमिया ग्रुप ने सरकार से 25 करोड रुपए में डील की है। बताया जा रहा है कि यह कॉन्ट्रैक्ट इंडिगो एयरलाइंस और जीएमआर ग्रुप को हराकर जीता है। दरअसल, लाल किला को गोद लेने की होड़ में इंडिगो एयरलाइंस और जीएमआर ग्रुप जैसी दिग्गज कंपनियां भी शामिल थीं लेकिन, डालमिया भारत ग्रुप ने इन्हें पछाड़ते हुए पांच साल के कांट्रैक्ट पर ऐतिहासिक इमारत को गोद लिया है। डालमिया ग्रुप लाल किला को पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए उसे नए सिरे से विकसित करने के तौर-तरीकों पर विचार कर रहा है।

मुगल बादशाह शाहजहां ने 17वीं शताब्दी में लाल किले का निर्माण करवाया था। अंग्रेजों के भारत छोड़ने के बाद स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हर साल 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री तिरंगा फहरा कर आजादी का जश्न मनाते हैं, जिसमें देश का हर एक नागरिक शरीक होता है।

...तो इसलिए लिया गोद

डालमिया ग्रुप लाल किले को पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए उसे नए सिरे से विकसित करने के तौर-तरीकों पर विचार कर रहा है। डालमिया ग्रुप 23 मई से लाल किले को संवारने की प्रक्रिया को शुरु कर देंगी। लाल किले के कॉन्ट्रैक्ट को लेकर डालमिया ग्रुप, टूरिज्म मिनिस्ट्री और ऑर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया के बीच बीते 9 अप्रैल को डील हुई। कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक, ग्रुप को 6 महीने के भीतर लाल किले में बेसिक सुविधाएं देनी होंगी।

कांट्रैक्‍ट को बाद में बढ़ाया भी जा सकता है- डाल‍मिया ग्रुप

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, डाल‍मिया भारत ग्रुप के सीईओ महेंद्र सिंघी ने कहा कि लाल किला में 30 दिनों के अंदर काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि लाल किला हमें शुरुआत में पांच वर्षों के लिए मिला है। कांट्रैक्‍ट को बाद में बढ़ाया भी जा सकता है। हर पर्यटक हमारे लिए एक कस्‍टमर होगा और इसे उसी तर्ज पर विकसित किया जाएगा।

दुनिया के सबसे बेहतरीन स्‍मारकों में से एक होगा- डालमिया ग्रुप के सीईओ 

डाल‍मिया भारत ग्रुप के सीईओ ने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि पर्यटक यहां सिर्फ एक बार आकर ही न रुक जाएं, बल्कि बार-बार आएं। यूरोप की कुछ किलाएं लाल किला के मुकाबले बहुत ही छोटे हैं, लेकिन उन्‍हें बहुत ही बेहतरीन तरीके से विकसित किया गया है। हमलोग भी लाल किला को उसी तर्ज पर विकसित करेंगे और यह दुनिया के सबसे बेहतरीन स्‍मारकों में से एक होगा। कांट्रैक्‍ट के तहत डालमिया ग्रुप को तय समयसीमा के अंदर लाल किला में विकास कार्य कराने होंगे।

ऐसे संवारा जाएगा लाल किला

लाल किले का विकास यूरोप के तर्ज पर होगा। हालांकि यूरोप के कुछ किले लाल किले के मुकाबले बहुत ही छोटे हैं, लेकिन उन्हें बहुत ही बेहतरीन तरीके से विकसित किया गया है। लाल किले को भीउसी तर्ज पर विकसित किया जाएगा और यह दुनिया के सबसे बेहतरीन स्मारकों में से एक होगा।

कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक, एक साल के भीतर डालमिया ग्रुप को टेक्सटाइल मैप, टॉयलेट, अपग्रेडेशन, रास्तों पर लाइटिंग, बैटरी से चलने वाली गाड़ियां, चार्जिंग स्टेशन और एक कैफेटेरिया बनाना होगा। डालमिया ग्रुप लाल किला देखने आने वाले पर्यटकों से पैसे चार्ज करेगा।

अगला नंबर किसका

'अडॉप्ट ए हेरिटेज' के तहत बहुत जल्द ही लाल किले के अलावा ताजमहल को भी गोद लेने के लिए जीएमआर स्पोर्ट्स और आईटीसी अंतिम दौर में है। उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने ऐतिहासिक धरोहर को सजाने-संवारने और संरक्षित करने के लिए 'अडॉप्ट ए हेरिटेज' स्कीम सितंबर 2017 ने लॉन्च की थी।

सरकार के मुताबिक, देशभर के 100 ऐतिहासिक स्मारकों के लिए यह स्कीम लागू की गई है, जिसमें लालकिले के अलावा ताजमहल, कांगड़ा फोर्ट, सतीघाट और कोणार्क मंदिर जैसे प्रमुख स्थान शामिल हैं। सरकार के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रही हैं। 

क्या है डालमिया भारत ग्रुप

डालमिया भारत लिमिटेड एक लार्ज कैप कंपनी है, जिसका मार्केट कैप 26957.28 करोड़ का है। यह सीमेंट, चीनी, अपवर्तक और बिजली निर्माण की एक बहुत बड़ी कंपनी है, जो भारत की सबसे तेजी से बढ़ती कंपनियों में से एक है। अपने बुनियादी ढांचे से कृषि में भारत की वृद्धि के लिए डालमिया भारत का एक बड़ा नाम है। ये साल 1937 में अस्तित्व में आया कंपनी है अपनी लगातार तरक्की से देश के एक बड़े समूह के रूप में जाना जाने लगा।

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