संयुक्त राष्ट्र के मंच से कश्मीर मसले पर मलेशिया और तुर्की के पाकिस्तान के पक्ष में बोलने पर भारत ने एतराज जताया है। विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों को सलाह देते हुए कहा कि जमीनी हकीकत को समझने के बाद ही कोई टिप्पणी करे। कश्मीर का मामला पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है और किसी भी मुल्क को बयान देने से पहले इस पूरे मामले को समझना जरूरी है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र में आम सभा में कश्मीर मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा कि कश्मीरी जनता के हक की लड़ाई में पाकिस्तान उनके साथ है। इस मंच से मलेशिया और तुर्की ने पाकिस्तान का साथ दिया था जिस पर विदेश मंत्रालय ने एतराज जताया है।
'कश्मीर पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला'
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ऐसे बयानों से बचने की सलाह देते हुए कहा कि ये देश ऐसे बयान सोच समझकर दें। कश्मीर भारत का पूरी तरह से आंतरिक मसला है।
विदेश मंत्रालय ने मलेशिया को कहा कि विलय पत्र के जरिए दूसरे भारतीय रियासतों की तरह कश्मीर का भारत में विलय हुआ। पाकिस्तान ने भारत के उस हिस्से पर आक्रमण किया और कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया। मलेशिया सरकार को यह समझना चाहिए दो देशों के बीच मित्रवत रिश्ते का क्या मतलब होता है और इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए।
'जिहाद की अपील करना सामान्य नहीं है'
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के कश्मीर में जिहाद वाले बयान प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, पाकिस्तान खुलेआम जिहाद की बात कर रहा है और वह संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल इस तरह कर रहा है। पाक पीएम को ये पता ही नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय संबंध कैसे निभाए जाते हैं। गंभीर बात यह है कि इमरान खान ने अपनी जनता से भारत के खिलाफ जिहाद की अपील की जो कि सामान्य बात नहीं है।