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नाबालिग से रेप मामले में उम्रकैद की सजा पाकर सिर पकड़कर रोने लगे आसाराम

नाबालिग बच्‍ची के साथ रेप के मामले में बुधवार को जोधपुर की एक अदालत द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाए जाने...
नाबालिग से रेप मामले में उम्रकैद की सजा पाकर सिर पकड़कर रोने लगे आसाराम

नाबालिग बच्‍ची के साथ रेप के मामले में बुधवार को जोधपुर की एक अदालत द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद आसाराम सिर पकड़कर रोने लगा। साथ ही, जज से हाथ जोड़कर उम्र का लिहाज रखते हुए सजा में कमी करने का आग्रह भी किया। अदालत ने आसाराम को उम्रकैद और अन्य दो आरोपियों को 20-20 साल की सजा सुनाई है।

एक साल के भीतर यह दूसरा मामला है जब किसी स्वयंभू बाबा को बलात्कार के मामले में दोषी करार दिया गया है। पिछले साल अगस्त में गुरमीत राम रहीम को भी यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी करार दिया गया था।

जोर-जोर से रोते हुए जब आसाराम ने की सीने में दर्द की शिकायत  

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद जोर-जोर से रोते हुए आसाराम ने सीने में दर्द की शिकायत की। आसाराम की तबीयत बिगड़ने पर जोधपुर एम्स के चिकित्सकों से स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया।

इन लोगों को ही कोर्ट में दिया गया था प्रवेश

56 माह पुराने इस मामले में बुधवार को आसाराम को सजा सुनाने के लिए पुलिस के आग्रह पर जोधपुर सेंट्रल जेल में बैरक नंबर 2 के पास विशेष कोर्ट लगाई गई। एससी-एसटी कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा फैसला सुनाने के लिए सुबह करीब 9 बजे ही जेल पहंच गए। जेल में कोर्ट के स्टाफ, आसाराम के 14 वकीलों और 2 सरकारी वकीलों सहित कुल 30 लोगों को ही प्रवेश दिया गया।

सुरक्षा के मद्देनजर इन तीन राज्यों में निषेधाज्ञा लागू

फैसले के मद्देनजर जोधपुर जेल के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी जहां पहले से निषेधाज्ञा लागू है। कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर केन्द्र ने राजस्थान, गुजरात और हरियाणा सरकारों से सुरक्षा कड़ी करने और अतिरिक्त बल तैनात करने को कहा था। तीनों राज्यों में आसाराम के बड़ी संख्या में अनुयायी हैं।

कोर्ट ने दो आरोपितों को सबूतों के अभाव में किया बरी

सजा पर फैसला सुनाते हुए जज ने पहले तो आसाराम और दो सह आरोपियों शिल्पी एवं शरद को दोषी करार दिया और फिर दो अन्य सह आरोपितों प्रकाश एवं शिवा को सबूतों के अभाव में बरी करने का फैसला सुनाया। इसके बाद जज ने आसाराम को उम्रकैद और अन्य दो आरोपियों को 20-20 साल की सजा सुनाई। इससे पहले कड़ी सुरक्षा के बीच जेल परिसर में सजा की अवधि पर जिरह की गई।

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, साबरमती नदी के किनारे एक झोंपड़ी से शुरुआत करने से लेकर देश और दुनियाभर में 400 से अधिक आश्रम बनाने वाले आसाराम ने चार दशक में 10,000 करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया था।

6 नवंबर 2013 को पुलिस ने आरोपपत्र दायर किया था

आसाराम और शिव, शिल्पी, शरद और प्रकाश के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम और भादंवि की विभिन्न धाराओं के तहत 6 नवंबर 2013 को पुलिस ने आरोपपत्र दायर किया था। आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर एक सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया था और दो सितंबर 2013 से वह न्यायिक हिरासत में है।

पीड़िता ने लगाया था ये आरोप

पीड़िता ने आसाराम पर उसे जोधपुर के नजदीक मनाई इलाके में आश्रम में बुलाने और 15 अगस्त 2013 की रात उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था।

25 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रखा गया था फैसला

गौरतलब है कि आसाराम मामले में अंतिम सुनवाई अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति मामलों की स्पेशल कोर्ट में 7 अप्रैल को पूरी हो गई थी और फैसला 25 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रखा गया था।

आसाराम पर गुजरात के सूरत में भी बलात्कार का एक मामला चल रहा है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को पांच सप्ताह के भीतर सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था। आसाराम ने 12 बार जमानत याचिका दायर की, जिसे छह बार निचली अदालत ने, तीन बार राजस्थान हाईकोर्ट और तीन बार सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया था।

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