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अलवर लिंचिग मामलें में रकबर खान का परिवार राजस्थान के बाहर चाहता है सुनवाई

अलवर में भीड़ की हिंसा के चलते जान गंवाने वाले रकबर खान के पिता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।...
अलवर लिंचिग मामलें में रकबर खान का परिवार राजस्थान के बाहर चाहता है सुनवाई

अलवर में भीड़ की हिंसा के चलते जान गंवाने वाले रकबर खान के पिता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पिता ने याचिका दायर कर केस का ट्रायल राजस्थान से बाहर कराने और कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई करेगा।

इससे पहले इस मामले में राजस्थान सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका की गई थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के प्रिंसिपल सेक्रेटरी से जवाब तलब किया था। याचिका में अलवर मामले को लेकर राजस्थान सरकार और अधिकारियों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।

संसद भी बना सकती है कानून

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश जारी किए थे। कोर्ट ने मॉब लिंचिंग और गौरक्षा के नाम पर होने वाली हत्याओं को लेकर कहा था कि कोई भी नागरिक कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता। डर और अराजकता की स्थिति में राज्य सरकारें सकरात्मक रूप से काम करें। साथ ही कोर्ट ने संसद से यह भी कहा था कि वह देखे कि इस तरह की घटनाओं के लिए कानून बन सकता है क्या?

गाइडलाइन जारी करने के दिए थे निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को दी गई गाइडलाइन जारी करने को कहा था और अगले 4 हफ्तों में कोर्ट में जवाब पेश करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने जाति और धर्म के आधार पर लिंचिंग के शिकार बने लोगों को मुआवजा देने की मांग कर रही लॉबी को भी बड़ा झटका दिया था। चीफ जस्टिस ने वकील इंदिरा जयसिंह से असहमति जताते हुए कहा था कि इस तरह की हिंसा का कोई भी शिकार हो सकता है।

क्या है अलवर मामला

अलवर जिले में गाय तस्करी के संदेह में कुछ लोगों ने 20 जुलाई की रात को रकबर खान की बुरी तरह पिटाई की थी जिसके बाद अस्पताल में मौत हो गई थी। चार्जशीट में तीन आरोपियों को रकबर की पिटाई और हत्या का आरोपी बनाया गया है। जिन तीन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है उनमें आरोपी परमजीत, धर्मेंद्र और नरेश को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इन तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 341, 323, 34 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है। राज्य सरकार ने मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। मामले में एक एएसआई को निलंबित किया गया जबकि तीन सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में कहा गया था कि खान की मौत चोटों के कारण हुई। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग व राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए रिपोर्ट मांगी थी।

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