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कैलाश मानसरोवर यात्रा से राहुल गांधी का ट्वीट, बोले- बाबा जिसे बुलाते हैं वही जाता है

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों कैलाश मानसरोवर यात्रा पर हैं। राहुल भले इन दिनों अपनी धार्मिक...
कैलाश मानसरोवर यात्रा से राहुल गांधी का ट्वीट, बोले- बाबा जिसे बुलाते हैं वही जाता है

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों कैलाश मानसरोवर यात्रा पर हैं। राहुल भले इन दिनों अपनी धार्मिक यात्रा पर हैं लेकिन इस बीच भी वह सोशल मीडिया पर पूरी तरह सक्रिय हैं और अपनी यात्रा से संबंधित जानकारी ट्विटर अकाउंट के माध्यम से दे रहे हैं। उन्होंने कहा है कि इस यात्रा पर मानव तभी जा पाता है, जब वहीं से निमंत्रण आता है। अपनी यात्रा के दौरान कैलाश पर्वत और मानसरोवर की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं।

31 अगस्त को नेपाल के रास्ते इस यात्रा पर रवाना हुए राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा है कि इस यात्रा पर मानव तभी जा पाता है, जब वहीं से निमंत्रण आता है।  राहुल गांधी ने इस यात्रा के दौरान जो कुछ अनुभूति की है, उसकी कुछ तस्वीरें ट्विटर पर शेयर की हैं।

मानसरोवर झील के जल के बारे में बोले राहुल

राहुल गांधी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि मानसरोवर झील का जल इतना निर्मल, शांत और विनीत है। यह आपको सब कुछ देता है। कोई भी इसका जल पी सकता है। यहां घृणा दूर-दूर तक नहीं है। यही कारण है कि हम भारत में इस जल की पूजा करते हैं।

दिल्ली में एक रैली के दौरान राहुल ने की थी इस यात्रा की घोषणा

दरअसल, राहुल गांधी ने इसी साल 29 अप्रैल को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली के दौरान घोषणा की थी कि वह इस साल पवित्र कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाएंगे। हिंदू मान्यता में कैलाश मानसरोवर को भगवान शिव और उनकी पत्नी पार्वती का निवास स्थान माना जाता है। राहुल गांधी ने कहा था कि जब कर्नाटक के हुबली जाते हुए एक तकनीकी खराबी के कारण उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बचा था, तो उनके मन में एकबारगी यही आया था कि उन्हें कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर भगवान शिव का धन्यवाद अदा करना चाहिए।

31 अगस्त को मानसरोवर यात्रा के लिए रवाना हुए राहुल

राहुल गांधी 31 अगस्त को 2 सप्ताह की कैलाश मानसरोवर यात्रा पर नेपाल और ल्हासा के रास्ते रवाना हो गए। हालांकि उनकी इस यात्रा के मार्ग को लेकर बीजेपी ने काफी आलोचना की है, क्योंकि इस रास्ते में राहुल गांधी चीन नियंत्रित इलाकों से गुजरेंगे। भारत और चीन के बीच तनाव के कारण कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा का यह मार्ग 1954 से 1978 के बीच बंद रहा। लेकिन, अब पूरी तरह खुला हुआ है।

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