Advertisement

कोवैक्सिन के फेज-1 ट्रायल्स के नतीजे आए; देश में बनी यह वैक्सीन सेफ और इफेक्टिव

कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन 'कोवैक्सिन' ने पहले चरण के ट्रायल में अच्छी उम्मीद जगाई है। कोवैक्सिन...
कोवैक्सिन के फेज-1 ट्रायल्स के नतीजे आए; देश में बनी यह वैक्सीन सेफ और इफेक्टिव

कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन 'कोवैक्सिन' ने पहले चरण के ट्रायल में अच्छी उम्मीद जगाई है। कोवैक्सिन वैक्सीन पूरी तरह से सेफ और इफेक्टिव है। इससे कोई गंभीर साइड-इफेक्ट नहीं हुए हैं। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी ने बुधवार शाम को इस वैक्सीन के पहले चरण के ट्रायल के नतीजों को जारी करते हुए यह बात कही। इस वैक्सीन को आईसीएमआर  के सहयोग से विकसित किया गया है।

भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी देने के लिए औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के पास पांच दिसंबर को आवेदन दिया था। वहीं पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ने ऑक्सफोर्ड कोविड-19 टीका कोविशील्ड के लिए छह दिसंबर को मंजूरी मांगी थी। इससे पहले फाइजर ने अपने टीके के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी के लिए चार दिसंबर को आवेदन दिया था।

नवंबर में ही इस वैक्सीन के देशभर में 25 साइट्स पर 25,800 लोगों पर फेज-3 ट्रायल्स शुरू हुए हैं। फेज-1 क्लिनिकल ट्रायल बीबीवी152 (कोवैक्सिन) वैक्सीन की सेफ्टी और इम्युनोजेनेसिटी जांचने के लिए की गई थी। इस दौरान 375 वॉलंटियर्स को तीन ग्रुप्स में रखा था। उन्हें अलग-अलग मात्रा में डोज दिए गए। दो डोज 14 दिन के अंतर से दिए गए।

रिपोर्ट कहती है कि इस वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच स्टोर किया जा सकता है। यह नेशनल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम की कोल्ड चेन जरूरतों के मुताबिक है। यही वजह है कि देश में इस कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है। क्योंकि फाइजर या मॉडर्ना की वैक्सीन के लिए तापमान कंट्रोल की व्यवस्था करना भी एक चुनौती है। जहां फाइजर को माइनस 70 तो वहीं मॉडर्ना को माइनस 30 डिग्री तापमान पर स्टोर करके रखना है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad