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मोदी का संदेशः नोटबंदी से जुटा पैसा गरीबों पर खर्च होगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने के बाद और नए वर्ष की पूर्व संध्या पर गरीबों, निम्न वर्ग और मध्यम वर्ग के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। प्रधानमंत्री ने बैंकों से कहा है कि उनके पास जो बडी राशि आयी है उनसे वे गरीबों, निम्न वर्ग और मध्यम वर्गों पर केंद्रित कार्यक्रमों पर ध्यान दें।
मोदी का संदेशः नोटबंदी से जुटा पैसा गरीबों पर खर्च होगा

देश के नाम संदेश में उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो नयी योजनाओं की घोषणा की। इसके तहत नौ लाख रूपये तक के ऋण पर ब्याज दर में चार प्रतिशत छूट और 12 लाख रुपये तक के ऋण पर 3 प्रतिशत ब्याज छूट देने की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण भारत में घर बनाने के लिए दो लाख रूपये के ऋण पर ब्याज दर में तीन प्रतिशत की छूट दी जाएगी। किसानों द्वारा जिला सहकारी बैंकों और प्राथमिक सामितियों से रबी फसल की खातिर लिये गये ऋण पर सरकार 60 दिन का ब्याज देगी।

नोटबंदी से आम लोगों को हुई परेशानी की चर्चा करते हुए पीएम ने कहा कि 125 करोड़ लोगों ने यह साबित कर दिया है कि नोटबंदी के बाद की कठिनाइयों के बावजूद सचाई और ईमानदारी उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार, काला धन और जाली मुद्रा ने आम आदमी को पंगु बना दिया है। लोगों के खून पसीने और कडी मेहनत से एक उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी गयी है ।

मोदी ने कहा मुझे पता है कि लोगों को अपना पैसा निकालने के लिए कतारों में खड़े होना पड़ा लेकिन लोगों ने भ्रष्टाचार , काला धन और जाली मुद्रा के खिलाफ लड़ाई में एक कदम भी पीछे नहीं हटना चाहा। लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए सभी संबंधित पक्षों को बैंकिंग प्रणाली को सामान्य रूप से बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं, खासतौर से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में। उन्होंने कहा कि समान आकार वाली अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था में नकदी प्रचलन गैर अनुपातिक रूप से अधिक था जिससे महंगाई बढ़ी। प्रणाली में नकदी और नकदीविहीन होने के बीच संतुलन कायम करना होगा। केवल 24 लाख लोगों ने अपनी आय दस लाख रूपये से अधिक होने की घोषणा की है। अवैध संपत्ति रखने वालों के खिलाफ कानून अपना काम करेगा लेकिन सरकार की प्राथमिकता है कि ईमानदारों को संरक्षण मिले और उनकी कठिनाइयां कम हों।

पीएम ने कहा कि यह अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे आम आदमी के अधिकारों की रक्षा करें और बेईमानों को अलग-थलग करें। विमुद्रीकरण ने काला धन, आतंक, मानव तस्करी तथा जाली मुद्रा को गहरे तक चोट पहुंचायी है। बैंक अधिकारियों और सरकारी अधिकारियों द्वारा गंभीर अपराध करने के मामले सामने आये हैं, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। (एजेंसी)

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