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महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए अटल जी मसीहा से कम नहीं थे'

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद नई दिल्ली में आयोजित सार्वजनिक प्रार्थना सभा...
महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए अटल जी मसीहा से कम नहीं थे'

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद नई दिल्ली में आयोजित सार्वजनिक प्रार्थना सभा में तमाम नेताओं ने शिरकत की। इस मौके पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अटल को याद करते हुए कश्मीर पर भारत सरकार की नीति याद दिलाई। उन्होंने कहा, ‘वह महान इंसान थे लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए वह मसीहा से कम नहीं थे। वह पहले भारतीय नेता थे, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों पर भरोसा किया।‘

उन्होंने कहा, ‘यह वाजपेयी जी थे जो पाकिस्तान गए और मुशर्रफ साहब से कहलवा दिया कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर की जमीन का इस्तेमाल उग्रवाद के लिए नहीं करेगा।

अटल जैसा दिल किसी का नहीं था: फारुख अब्दुल्ला

इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने अटल को याद करते हुए कहा, ‘वह वजीरे आजम नहीं हिंदुस्तान के दिलों के मालिक थे। वह बड़े दिल वाले थे। उनके जैसा दिल किसी का नहीं था।‘

हम एक साथ लंच करते थे और चाय पीते थे: गुलाम नबी आजाद

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘अपने निधन के बाद भी उन्होंने हमें एक कमरे में ला दिया जो बहुत बड़ी बात है। जब मैं मंत्री था और वह विपक्ष के नेता थे तो हम एक साथ लंच करते थे और चाय पीते थे। उन दिनों यह मुश्किल नहीं था।‘

अटल जी सदियों तक याद किए जाएंगे: रामदेव

योगगुरू रामदेव ने अटल के बारे में कहा, ‘जब तक वह जीवित थे उन्होंने भारत माता को गर्व का अनुभव कराया और उन्होंने ऐसा उदाहरण पेश किया कि वह सदियों तक याद रखे जाएंगे।‘

अटल अपने व्यवहार में भी अटल थे: पीएम मोदी

अटल को याद करते हुए प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अटल जी नाम से ही अटल नहीं थे उनके व्यवहार में भी अटल भाव नजर आता है। उन्होंने कहा कि किशोरावस्था से लेकर के जीवन के अंत तक अटल जी देश के लिए, देशवासियों के लिए और सामान्य लोगों के अरमानों के लिए जिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवन कितना लंबा हो यह हमारे हाथ में नहीं है लेकिन जीवन कैसा हो ये हमारे हाथ में है और अटल जी ने करके दिखाया कि जीवन कैसा हो, क्यों हो, किसके लिए हो और कैसे हो। मोदी ने कहा कि वो अटल जी ही थे जो अपने प्रयासों से आतंकवाद के मुद्दे पर पूरे विश्व को भारत के साथ लाने में सफल हुए थे। उन्होंने कहा कि दस साल तक जो महापुरुष किसी राजनीतिक मंच पर नजर नहीं आए उस व्यक्ति की विदाई को जिस प्रकार देश ने सम्मान दिया शायद ही कोई ऐसी घटना की कल्पना कर सकता है।

आडवाणी हुए भावुक

इस मौके पर आडवाणी ने भावुक होते हुए कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मेरी मित्रता अटल जी के साथ 65 वर्षों तक रही। मैंने कई सभाओं को संबोधित किया है पर कभी यह नहीं सोचा था कि इस तरह की सभा को भी संबोधित करना पड़ेगा। ऐसी सभा जहां अटल जी नहीं हो। अटल जी से हमनें बहुत कुछ सिखा और हमनें उनसे बहुत कुछ पाया। अटल जी ने जो कुछ हमें सिखाया उसको ग्रहण करके हम सभी अपना जीवन व्यतीत करें।

भारत ही नहीं पूरे विश्व को अटल जी के निधन की पीड़ा: राजनाथ सिंह

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सब को साथ लेकर चलने की कला श्रद्धेय अटल जी में थी और भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को उनने निधन की पीड़ा है। उन्होंने कहा कि अटल जी को लोकप्रियता देश का प्रधानमंत्री बनने के कारण हासिल नहीं हुई वह किसी भी राजनीतिक या सामाजिक क्षेत्र में यदि काम करते तो वह वैसे ही लोकप्रिय होते जैसे प्रधानमंत्री बनने के बाद लोकप्रिय हुए।

प्रार्थना सभा में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, योगगुरु बाबा रामदेव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता डॉ. फारूक अब्दुल्ला, अटल बिहारी वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य, नतिनी निहारिका भी मौजूद थीं।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त, 2018 को दिल्ली के एम्स में लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया था। 17 अगस्त को राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ा था।

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