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जानिए, यूरोपीय सांसदों को कश्मीर दौरे पर ले जाने वाली कौन हैं मादी शर्मा

यूरोपियन यूनियन (ईयू) के 23 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर दौरे का आज यानी बुधवार को आखिरी दिन है।...
जानिए, यूरोपीय सांसदों को कश्मीर दौरे पर ले जाने वाली कौन हैं मादी शर्मा

यूरोपियन यूनियन (ईयू) के 23 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर दौरे का आज यानी बुधवार को आखिरी दिन है। भारत में यूरोपीय संघ के कार्यालय के अनुसार, यह यात्रा यूरोपीय संसद की आधिकारिक यात्रा नहीं है। दावा किया जा रहा है कि यूरोपीय संसद के सदस्य ‘निजी’ यात्रा पर हैं। भारत में इस यात्रा को लेकर सियासत भी जारी है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस पर सवाल उठा रहे हैं।

विदेश मंत्रालय भी इस यात्रा के आयोजन में सीधे तौर पर शामिल होता दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि यूरोपीय संसद के सदस्यों की कश्मीर यात्रा को वूमेन्स इकनॉमिक एंड सोशल थिंक टैंक (डबल्यूईएसटीटी)एनजीओ ने स्पॉन्सर किया। इस एनजीओ को ब्रिटिश-भारतीय व्यवसायी मादी शर्मा संचालित करती हैं।

सोशल मीडिया पर उठ रहे हैं इस तरह के सवाल

सोशल मीडिया पर ईयू सांसदों की कश्मीर यात्रा के लिए फंडिंग को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। सवाल ये भी उठ रहे हैं कि जब यूरोपीय संसद के सदस्यों का ये निजी दौरा है, तो उनकी प्रधानमंत्री से मुलाकात क्यों कराई जा रही है? राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार उन्हें क्यों जानकारी दे रहे हैं और घाटी में उनके लिए सरकारी इंतजाम क्यों किए जा रहे हैं? इन सभी सवालों के जवाब के लिए वूमेन्स इकनॉमिक एंड सोशल थिंक टैंक (डब्ल्यूईएसटीटी) एनजीओ नाम की संस्था का नाम भी सामने आया है जिसने ईयू सांसदों की कश्मीर यात्रा के लिए फंडिंग की है।

एनजीओ की साइट पर नहीं है आयोजन की चर्चा 

हालांकि यह भी बेहद दिलचस्प बात है कि जिस दौरे को लेकर इतना प्रचार हुआ, प्रधानमंत्री ने खुद इन सांसदों से मुलाकात की, उन्हें आधिकारिक तौर पर भारत सरकार ने भोज दिया, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने उनसे मुलाकात कर कश्मीर के बारे में बताया, उस यात्रा की वेस्ट की वेबसाइट पर कोई चर्चा तक नहीं है। मादी शर्मा ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर भी इस दौरे का कोई जिक्र नहीं किया है। 

कौन हैं मादी शर्मा?

दरअसल, डब्ल्यूईएसटीटी नाम की एनजीओ को यूनाइटेड किंगडम स्थित उद्यमी मादी उर्फ मधु शर्मा नाम की महिला चलाती है। ये संस्था महिलाओं के आर्थिक, पर्यावरण और सामाजिक विकास के लिए काम करती है। राजनीतिक स्तर पर ये संस्था अहम मुद्दों पर जागरूकता अभियान चलाती हैं, लेकिन इससे कोई व्यावसायिक फायदा नही उठाती है।

मादी शर्मा मादी ग्रुप की हेड हैं। मादी ग्रुप के बारे में कहा जा रहा है कि यह कई अंतरराष्ट्रीय प्राइवेट सेक्टर और एनजीओ का एक नेटवर्क है। वहीं, मादी शर्मा के ट्विटर हैंडल पर मिली जानकारी के मुताबिक वो खुद को सोशल कैपिटलिस्ट: इंटरनेशनल बिजनेस ब्रोकर, एजुकेशनल एंटरप्रेंयूर एंड स्पीकर बताती हैं।

मादी की वेबसाइट के मुताबिक, डब्ल्यूईएसटीटी महिलाओं का एक प्रमुख थिंक-टैंक है जिसकी वैश्विक पहुंच है। यह आर्थिक, पर्यावरणीय और महिलाओं के सामाजिक विकास पर फोकस करता है। इसमें लिखा है, ‘राजनीतिक स्तर पर यह कई मसलों पर जागरूकता के लिए लॉबिंग का भी काम करता है लेकिन कभी भी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं। अब तक वह कश्मीर के मामलों से संबंधित नहीं थी। उन्होंने पिछले साल ऐसा ही एक यूरोपीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल मालदीव भेजने में सहयोग किया था। उस समय तत्कालीन यामीन सरकार के लिए काफी मुश्किल दौर था।

WESTT के कम से कम 14 देशों में उसके सदस्य मौजूद हैं। ये देश हैं- बेल्जियम, क्रोएशिया, फ्रांस, लिथुआनिया, पोलैंड, यूनाइटेड किंगडम, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, चीन, भारत, नेपाल, नॉर्थ मेसेडोनिया, तुर्की और पाकिस्तान।

सोशल मीडिया पर ये ई-मेल भी हो रहा वायरल

सोशल मीडिया पर मादी शर्मा नाम से यूरोपीय सांसदों को कश्मीरी दौरे पर बुलाने के लिए भेजा गया एक ई-मेल भी वायरल हो रहा है। इस ई-मेल में यूरोपीय सांसदों को कश्मीरी दौरे के अलावा प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात का वादा भी किया गया है। हालांकि, ‘आउटलुक’ इस लेटर की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। ई-मेल में प्रतिनिधिमंडल के तीन दिन (28, 29, 30 अक्टूबर) की पूरी यात्रा का ब्योरा बताया गया है। ये मेल सात अक्टूबर को भेजा गया था।

बता दें कि यूरोपियन टीम के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर से नई दिल्ली में मुलाकात की। इसके बाद वे मंगलवार को श्रीनगर में 15वीं कोर के कमांडर से भी मिले। नई दिल्ली में डोभाल द्वारा आयोजित लंच के दौरान कश्मीर के कुछ लोगों से भी उनकी मुलाकात कराई गई थी। ऐसे ही श्रीनगर में भी उनकी कुछ स्थानीय लोगों से मुलाकात हुई।

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