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करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास से पहले पंजाब के मंत्री ने शिलापट पर चिपकाया काला टेप

भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर बन रहे करतारपुर कॉरीडोर को लेकर एक तरफ पंजाब में सिख संगत में जश्न का माहौल है...
करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास से पहले पंजाब के मंत्री ने शिलापट पर चिपकाया काला टेप

भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर बन रहे करतारपुर कॉरीडोर को लेकर एक तरफ पंजाब में सिख संगत में जश्न का माहौल है तो दूसरी तरफ इस पर राजनीति गरमाई हुई है। करतारपुर साहिब कॉरिडोर की सोमवार को नींव रखी जानी है, इसके ऐलान के साथ ही राजनीतिक जंग का हिस्सा बन गया है। कॉरिडोर के ऐलान के बाद श्रेय लेने की होड़ मची और अब नींव रखी जाने के दौरान भी राजनीतिक बयानबाजी तेज हो रही है।

पंजाब सरकार में मंत्री एसएस रंधावा ने नींव रखने से पहले शिलापट पर अपने, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब के अन्य मंत्रियों के नाम के आगे काली टेप लगाई। उन्होंने कहा कि इस पर अकाली-बीजेपी वाले नेताओं का नाम क्यों हैं। वह इसका विरोध कर रहे हैं।

रंधावा ने हरसिमरत कौर बादल पर कसा तंज

इससे पहले राज्य सरकार में मंत्री सुखविंदर सिंह रंधावा ने कहा कि हरसिमरत कौर बादल ने नवजोत सिद्धू को कौम का गद्दार बताया था, अब वो खुद पाकिस्तान जा रही हैं। वह क्या मुंह लेकर वहां जाएंगी। अकाली दल ने आजतक इस मुद्दे को नहीं उठाया था।

'नहीं पता, कहां बनना है कॉरिडोर'

पंजाब सरकार के मंत्रियों का कहना है कि कॉरिडोर बनाने का फैसला आनन-फानन में लिया गया है, केंद्र सरकार को अभी ये भी नहीं पता है कि कॉरिडोर कहां बनाना है। पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि पाकिस्तान ने 28 नवंबर को आधारशिला रखने का कार्यक्रम तय कर दिया है।

उन्होंने कहा कि इसी वजह से आनन-फानन में केंद्र सरकार ने 26 नवंबर को ही पंजाब सरकार को आधारशिला का कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दे दिया जबकि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया जिसे इस कॉरिडोर को बनाना है, उसे अब तक ये ही नहीं पता कि ये कॉरिडोर कहां से निकाला जाएगा और इस कॉरिडोर की आधारशिला कहां रखी जाएगी।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह न्यौता किया अस्वीकार

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी करतारपुर कॉरिडोर के लिए रखे जा रहे नींव पत्थर समारोह में आमंत्रित किया था। यह नींव पत्थर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान रखेंगे। इसे अस्वीकार करते हुए कैप्टन ने स्पष्ट कहा है कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय सैनिकों का लहू बहाया जा रहा है। सीमा पर गोलीबारी में कोई कमी नहीं आ रही है।

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ पंजाब का माहौल बिगाडऩे की कोशिश में है। इसका सबूत 18 नवंबर को अमृतसर में निरंकारी भवन में हुए एचजी 84 हैंड ग्र्रेनेड से किया गया धमाका है। ये ग्रेनेड पाकिस्तान में बने हुए थे। इस धमाके में तीन लोगों की मौत हो गई थी और 19 लोग घायल हो गए।

सिद्धू ने स्वीकारा पीएम इमरान का न्यौता

दूसरी तरफ नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी को पत्र लिखकर बताया है कि उन्होंने वीजा के लिए पहले ही अप्लाई कर दिया है। सिद्धू ने लिखा है कि नींव पत्थर समारोह में शामिल होने और उनसे मिलने के लिए बेहद उत्सुक हैं। यह दिन सचमुच बहुत महत्त्वपूर्ण होगा। दोनों देशों ने आगे होकर यह पहला कदम उठाया है। यह कदम पुराने मतभेद भुलाकर दोनों देशों के बीच दिल और दिमाग के दरवाज़े खोलने के लिए और ज्यादा अहम सिद्ध होगा।

 

 

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