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जम्मू-कश्मीर: आतंकियों ने कुलगाम में की एक और नेता की हत्या, 15 दिनों में इस तरह की तीसरी वारदात

जम्मू-कश्मीर में कुलगाम के देवसर इलाके में आतंकियों ने अपनी पार्टी के नेता गुलाम हसन लोन की गोली मारकर...
जम्मू-कश्मीर: आतंकियों ने कुलगाम में की एक और नेता की हत्या, 15 दिनों में इस तरह की तीसरी वारदात

जम्मू-कश्मीर में कुलगाम के देवसर इलाके में आतंकियों ने अपनी पार्टी के नेता गुलाम हसन लोन की गोली मारकर हत्या कर दी। लोन के आवास पर आतंकियों ने उऩ पर गोलियां बरसाईँ। इसके बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जम्मू कश्मीर पुलिस ने हत्या की पुष्टि करते हुए कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गयी है। इलाके में आतंकियों की तलाश में अभियान शुरू कर दिया गया है।

लोन चार महीने पहले पीडीपी से इस्तीफा देकर अपनी पार्टी में शामिल हुए थे। वह पीडीपी के ब्लॉक प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं। गुलाम हसन लोन की हत्या की राजनीतिक दलों ने निंदा की है।

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि दुर्भाग्य से कश्मीर में राजनीतिक हत्याओं का सिलसिला नहीं थम रहा है। अपनी पार्टी के नेता गुलाम हसन लोन की हत्या की घोर निंदा करते हैं। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि दक्षिण कश्मीर के देवसर इलाके में गुलाम हसन लोन की हत्या के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। मिलिटेंट द्वारा मुख्यधारा के राजनेताओं को निशाना बनाने का यह नया चलन बहुत चिंताजनक है और मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं।

पिछले करीब 15 दिनों के भीतर इस तरह की तीसरी घटना को आतंकियों ने अंजाम दिया है। 17 अगस्त को ही कुलगाम के ब्रजलू जागीर इलाके में आतंकियों ने बीजेपी नेता जावेद अहमद डार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इससे पहले आतंकियों ने 9 अगस्त को कुलगाम के बीजेपी की किसान जिला इकाई के अध्यक्ष गुलाम रसूल डार की हत्या कर दी थी।

घाटी के कई नेताओं को आतंकवादी लगातार निशाना बनाते रहे हैं। हाल के दिनों में सबसे ज्यादा बीजेपी के नेताओं को निशाना बनाया गया है। अनुच्छेद-370 के हटाए जाने के बाद से अब तक कुल 23 बीजेपी नेताओं की आतंकी हत्या कर चुके हैं। यह जानकारी बीजेपी नेता अल्ताफ ठाकुर ने दी थी। उन्होंने कहा कि बीते 2 साल साल में 23 कार्यकर्ताओं को आतंकियों ने मार डाला है। वहीं अकेले कुलगाम जिले में बीते एक साल के भीतर 9 नेताओं की आतंकी हमलों में मौत हो गई है।

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