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वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली पहली महिला होंगी इंदु मल्होत्रा

केंद्र सरकार ने वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किए जाने को मंजूरी...
वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली पहली महिला होंगी इंदु मल्होत्रा

केंद्र सरकार ने वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किए जाने को मंजूरी दे दी है। कानून मंत्रालय में मौजूद सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। इस तरह, बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश नियुक्त होने वाली इंदु मल्होत्रा पहली महिला जज होंगी।

 इसके साथ ही सरकार ने न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पदोन्नति रोके रखने का फैसला किया है। न्यायमूर्ति जोसेफ उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को केवल इंदु को नियुक्त किए जाने के सरकार के फैसले के बारे में पत्र लिखेंगे।

कॉलेजियम ने तीन महीने पहले उत्तराखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ और वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा की सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर नियुक्ति का सुझाव दिया था। हालांकि जस्टिस जोसेफ की फाइल अब भी कानून मंत्रालय के पास है।

सरकार को लगता है कि न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम की सिफारिश कर कॉलेजियम ने वरिष्ठता और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व का सम्मान नहीं किया है। वह हाइकोर्ट के 669 न्यायाधीशों की वरिष्ठता सूची में 42वें स्थान पर हैं।

सुप्रीम कोर्ट में 39 वर्षों में कोई महिला जज नहीं रही

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में शुरुआत के 39 वर्षों में कोई महिला जज नहीं रही। 1989 में फातिमा बीबी को सुप्रीम कोर्ट की जज बनाया गया। इसके बाद जस्टिस सुजाता मनोहर, जस्टिस रुमा पाल, जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा और जस्टिस रंजना देसाई को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया।

सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली छठी महिला होंगी

जानकारी के मुताबिक, इंदु मल्होत्रा आजादी के बाद से अब तक सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली छठी महिला होंगी। फिलहाल जस्टिस जी रोहिणी और आर भानुमति सुप्रीम कोर्ट में महिला जज हैं।

वकीलों के परिवार से ताल्लुक रखती हैं इंदु

इंदु मल्होत्रा वकीलों के परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता ओपी मल्होत्रा वरिष्ठ वकील थे और उनके बड़े भाई और बहन भी वकील हैं। मल्होत्रा ने पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और इससे पहले उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। उन्होंने 1983 में करियर की शुरुआत की थी। वह कई अहम फैसलों में जजों की पीठ में भी शामिल रही हैं।

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