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कठुआ-उन्नाव रेप मामले में पूर्व नौकरशाहों का पीएम मोदी को खुला पत्र

कठुआ और उन्नाव रेप की घटना को काला अध्याय  बताते हुए देश के रिटायर्ड नौकरशाहों ने पीएम नरेंद्र मोदी...
कठुआ-उन्नाव रेप मामले में पूर्व नौकरशाहों का पीएम मोदी को खुला पत्र

कठुआ और उन्नाव रेप की घटना को काला अध्याय  बताते हुए देश के रिटायर्ड नौकरशाहों ने पीएम नरेंद्र मोदी की इन घटनाओं पर उनकी चुप्पी को लेकर सवाल खड़े किए हैं। करीब 50 रिटायर्ड नौकरशाहों ने पीएम को खुला पत्र लिखा है और पीएम मोदी को इन मामलों की 'भयावह स्थिति' के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

पत्र में कहा गया है कि पीएम ने अपनी चुप्पी तब तोड़ी जब देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों का आक्रोश सामने आया क्योंकि इसके लंबे समय तक अनदेखी नहीं की जा सकती थी। नौकरशाहों ने इन घटनाओं की निंदा करते हुए कहा है कि सरकार लोगों द्वारा दी गई मूलभूत जवाबदेही तक को निभाने में नाकाम रही है।

पत्र में यह भी कहा गया है कि हमारे संविधान द्वारा जिन धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक और उदार मूल्यों की जो बात कही गई है, उसमें गिरावट आ रही है। खुले पत्र में यह भी कहा गया है कि एक आठ वर्षीय बच्ची के साथ रेप और निर्मम हत्या से पता चलता है कि हमारा स्तर कितना गिर चुका है। आजादी के बाद यह हमारे लिए सबसे काला समय है और हम यह पाते हैं कि हमारे राजनीतिक दल, सरकार और उसके नेता कितने कमजोर हैं।

पत्र में कहा है कि कठुआ की घटना संघ परिवार की संस्कृति को दिखाती है जो अपने एजेंडे को बढ़ाने के लिए सांप्रदायिक तत्वों को प्रोत्साहित करती है। इस तरह की घटनाओं से हिंदु-मुस्लिमों के ध्रुवीकरण को बढ़ावा मिलेगा। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में में माफिया किस तरह राजनैतिक शक्ति के तौर पर काम कर रहा है, यह इसका सीधा नमूना है। यहां की सरकार की उदासीनता सवालों के घेरे हैं। सरकार ने भी हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद ही कदम उठाए।

इस पत्र में नौकरशाहों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा गया है कि वह अपनी ड्यूटी निभाने में भी नाकाम रहे हैं। रिटायर नौकरशाहों ने पीएम को कहा कि यह दोनों घटनाएं सामान्य अपराध नहीं है, जो कि समय के साथ सही हो जाएंगी। इन घटनाओं ने हमारे सामाजिक ताने-बाने पर गहरा घाव किया है। हमें जल्द ही अपने समाज के राजनीतिक और नैतिक ताने-बाने को ठीक करना होगा। यह समय हमारे अस्तित्व के संकट का समय है।

पत्र में पीएम को कहा 'भले ही आपने इस घटना की निंदा की है और इसे शर्मनाक बताया है, लेकिन आपने न ही इसके पीछे काम कर रही सांप्रदायिकता की भावना की निंदा की और न ही इसे दूर करने के लिए किसी तरह के सामाजिक, राजनीतिक या प्रशासनिक संकल्प दिखाया, जिसके तहत इस तरह की सांप्रदायिक पैदा होती है।' रिटायर्ड नौकरशाहों ने मांग की है कि उन्नाव और कठुआ में पीड़ित परिवार से मिलकर समुचित कदम उठाए जाएं।

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