Advertisement

1984 सिख विरोधी दंगा: यशपाल सिंह को फांसी की सजा, नरेश सहरावत को उम्र कैद

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 1984 में भड़के सिख विरोधी दंगा मामले में महिपालपुर इलाके में दो सिखों की...
1984 सिख विरोधी दंगा: यशपाल सिंह को फांसी की सजा, नरेश सहरावत को उम्र कैद

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 1984 में भड़के सिख विरोधी दंगा मामले में महिपालपुर इलाके में दो सिखों की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए दो अभियुक्तों की सजा पर फैसला दे दिया है। इस दंगे में दोनों दोषी को सजा मिली है। एक को फांसी और दूसरे को उम्रकैद की सजा मिली है। कोर्ट ने पिछले हफ्ते दोषियों को सजा सुनाने पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

हरदेव सिंह और अवतार सिंह हत्या मामले में मिली सजा

एक नवंबर 1984 को दक्षिणी दिल्ली के महिपालपुर में हरदेव सिंह और अवतार सिंह की हत्या कर दी गई थी। महिपालपुर निवासी नरेश सहरावत और यशपाल सिंह को कोर्ट ने दोषी करार दिया था। अभियोजन पक्ष ने इस केस को दुर्लभ में अति दुर्लभ (रेयरेस्‍ट ऑफ रेयर) बताते हुए दोषियों को फांसी देने की मांग की थी।

अभियुक्तों पर ये हैं आरोप

पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने दंगा पीड़ितों के समर्थकों की अधिक संख्या व हंगामा होने की स्थितियों के मद्देनजर मंगलवार को सीमित लोगों के अदालतकक्ष में प्रवेश के आदेश जारी किए थे।

इन अभियुक्तों पर घटना वाले दिन पीड़ित परिवार की दुकान में लूट करने, दंगा फैलाने, दो सिख युवकों को जिंदा जलाकर मारने, मृतकों के भाइयों पर जानलेवा हमला करने का दोष साबित हुआ है।

यह नरसंहार था: एचएस फुल्का

दंगा पीड़ितों की ओर से बहस के लिए मौजूद वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का ने बताया कि यह नरसंहार था। फुल्का ने एसआईटी की मांग का समर्थन किया और दलील दी कि अदालत के फैसले पर सिर्फ दंगा पीड़ितों की नहीं, पूरी दुनिया की नजर टिकी है।

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के थे दंगे

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1984 में हत्या के बाद कई शहरों में दंगे भड़क उठे थे। इसी दौरान दिल्ली के महिपालपुर इलाके में दो सिख युवकों की हत्या कर दी गई थी। यह मामला हरदेव सिंह के भाई संतोख सिंह ने दर्ज कराया था। दिल्ली पुलिस ने सबूतों के अभाव में 1994 में यह मामला बंद कर दिया था लेकिन दंगों की जांच के लिए गठित एसआईटी ने मामले को दोबारा खोला।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad