Advertisement

कांग्रेस ने हरियाणा सरकार को घेरा, स्कूल फॉर्म में पूछा गया- क्या पैरेंट्स 'अस्वच्छ पेशे' में?

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में एडमिशन के लिए जो फॉर्म बच्चों को दिए जा रहे हैं, उनमें मांगी गईं...
कांग्रेस ने हरियाणा सरकार को घेरा, स्कूल फॉर्म में पूछा गया- क्या पैरेंट्स 'अस्वच्छ पेशे' में?

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में एडमिशन के लिए जो फॉर्म बच्चों को दिए जा रहे हैं, उनमें मांगी गईं जानकारियां हैरान करने वाली हैं। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने फॉर्म ट्वीट कर प्रदेश की खट्टर सरकार पर सवाल उठाए हैं।

असल में, इस प्रवेश फॉर्म में 100 तरह की अलग-अलग जानकारियां मांगी गई हैं। स्कूल में दाखिले के लिए मिलने वाले फॉर्म में पूछा गया है कि क्या माता-पिता किसी भी ‘अस्वच्छ’ व्यवसाय में शामिल हैं? क्या वो आनुवांशिक विकारों से पीड़ित हैं? इतना ही नहीं बच्चों से माता-पिता का आधार नंबर, पैन नंबर, उनका पेशा और माता-पिता के शैक्षणिक योग्यताओं के बारे में भी पूछा गया है। यह भी पूछा गया है कि बच्चों के अभिभावक टैक्स देते हैं या नहीं? फॉर्म में आधार की जानकारी अनिवार्य कर दी गई है।

सरकारी स्कूल में एडमिशन के लिए फॉर्म में इस तरह की जानकारियां मांगने के बाद से हरियाणा की मनोहर खट्टर सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर हरियाणा सरकार को घेरा है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर हरियाणा सरकार से गंभीर सवाल पूछे हैं। रणदीप सुरजेवाला ने पूछा है कि स्कूलों में प्रवेश के लिए आधार कब से अनिवार्य हो गया?

रणदीप सुरजेवाल ने कहा है कि 100 सवालों का फॉर्म क्यों जारी किया गया है? उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार ने फिर वही काम किया। छात्रों को ‘अछूत’ और उनके माता-पिता के पेशे को ‘अशुद्ध’ रूप से चिन्हित किया है। सुरजेवाला ने कहा है कि यह फॉर्म छात्रों के अभिभावकों पर निगरानी रखने जैसा है। उन्होंने खट्टर सरकार से तत्काल इस आदेश को वापस लेने की और बच्चों के माता-पिता से माफी मांगने की मांग भी की है।


अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad