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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के घर और ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के घर और अन्य कई ठिकानों...
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के घर और ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के घर और अन्य कई ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी चल रही है।

सीबीआई की टीम ने पूर्व समाज कल्याण मंत्री के पटना स्थित तीन घरों, मोतीहारी और भागलपुर में छापा मारा है। इसके अलावा शेल्टर होम मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के सात ठिकानों पर भी छापेमारी की है।

मामले में अपने पति के ऊपर लगे आरोपों के बाद इस्तीफा देने वाली मंत्री मंजू वर्मा की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। मामले की जांच कर रही सीबीआई उनके पति चंदेश्वर वर्मा से जल्द पूछताछ भी कर सकती है।

चंदेश्वर वर्मा और शेल्टर होम चलाने वाले एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति के संरक्षक ब्रजेश ठाकुर के बीच इस साल जनवरी से मार्च के बीच कई बार मोबाइल पर बातचीत हुई थी जिसका खुलासा ब्रजेश ठाकुर के कॉल डिटेल रिकॉर्ड से हुआ है। रेप कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने यह बयान दिया है कि वह राजनीतिक मसलों पर चंदेश्वर वर्मा से बातचीत किया करते थे। इस खुलासे के बाद ही मंजू शर्मा पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ा।

आरोपों को बताया निराधार

चंदेश्वर वर्मा और ब्रजेश ठाकुर के नजदीकी संबंध इस मामले के खुलासे के बाद से ही चर्चा में है। शुरू में मंजू वर्मा कह चुकी हैं कि एक बार शेल्टर होम के निरीक्षण के दौरान उनके पति भी उनके साथ मुजफ्फरपुर गए थे। हालांकि इस्तीफा देने के बाद एक बार फिर मंजू वर्मा ने दावा किया कि उनके पति बिल्कुल निर्दोष हैं और सीबीआई की जांच से यह साफ हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर उनके पति दोषी पाए गए तो वह खुद उन्हें फांसी पर लटका देंगी।

रेप के खुलासे के बाद गरमाई सियासत

बिहार के मुजफ्फरपुर में शेल्टर होम में 34 लड़कियों से रेप का खुलासा होने के बाद राज्य की सियासत गरमा गई थी। टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की रिपोर्ट के बाद इस सनसनीखेज कांड का पता चला था।

 

दबाव पर की सीबीआई जांच की सिफारिश

दबाब बढ़ने के बाद नीतीश सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की। साथ ही सरकार ने समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक देवेश कुमार को निलंबित कर दिया। इसके अलावा भोजपुर, मुंगेर, अररिया, मधुबनी और भागलपुर सामाजिक कल्याण विभाग के सहायक निदेशकों को भी सस्पेंड किया गया। केंद्र की मंजूरी के बाद अब सीबीआई इस घटना की तफ्तीश कर रही है। जांच एजेंसी ने ब्रजेश ठाकुर के बेटे से भी इस मामले में पूछताछ की थी। बाद में उसे छोड़ दिया गया था।

 

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